उत्तराखंड समाचार

एम्स ने लाॅन्च किया ’क्लाइमेट न्यूजलेटर’

वन हेल्थ अवधारणा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को पहचानना इसका उद्देश्य है।

देहरादून, 10 जून। जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता और स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश द्वारा न्यूज लेटर ‘क्लाइमेट’ का संस्करण लाॅंच किया गया। क्लाइमेट (क्लाइमेट लीडर्स इन मेकिंग ट्रांसफॉर्मिंग एनवायरनमेंट) के उद्घाटन के अवसर पर पर्यावरण की रक्षा करने हेतु जागरूकता बढ़ाने की बात भी कही गई। न्यूज लेटर का उद्घाटन करते हुए पत्र की संरक्षक और संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने पर्यावरणीय स्थिरता के लिए एम्स संस्थान के समर्पण पर प्रकाश डाला। वन हेल्थ अवधारणा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को पहचानना इसका उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। बताया कि इस दिशा में न्यूज लेटर ’क्लाइमेट’ हमारे सभी हितधारकों के लिए ज्ञान, नवाचार और प्रेरणा के प्रकाश स्तंभ के रूप में काम करेगा। डीन ऐकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने संस्थान द्वारा क्लाइमेट न्यूज लेटर के शुभारंभ को मील का पत्थर बताया। उन्होंने संस्थान के मिशन में पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, मानव जाति सहित पशुओं को भी किस स्तर पर प्रभावित कर रहा है, इसके प्रभावों को कम करने के लिए व्यापक रणनीतियां बनाकर इस बारे में तत्काल कार्य करने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के अवसर पर मनाए जा रहे पर्यावरण सप्ताह के उपलक्ष्य में संस्थान द्वारा पर्यावरण संरक्षण और इसके महत्व को उजागर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। इस श्रृंखला के तहत ही क्लाइमेट न्यूज लेटर का लाॅंच किया गया है। पत्र की सह संरक्षक और वाईस डीन डाॅ. वंदना धींगरा ने इस बारे में बताया कि इस न्यूज लेटर का उद्देश्य समुदाय को स्थायी प्रथाओं, जलवायु और स्वास्थ्य के बीच महत्वपूर्ण संबंध के बारे में प्रेरित और शिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि यह समाचार पत्र छात्रों और संकाय सदस्यों के रचनात्मक कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। इसमें जलवायु परिवर्तन पर विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों के लेख और इस संबन्ध में वैश्विक पहलों का गहन विश्लेषण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विभिन्न स्तरों पर उठाए जा सकने वाले छोटे-छोटे उपायों पर चर्चा शामिल हैं। पत्र की सलाहकार सदस्य डाॅ. भावना गुप्ता ने बताया कि न्यूूज लेटर की विशेषता संस्थान द्वारा हाल ही में आयोजित एक कार्यशाला का सार है, जो जलवायु मुद्दों पर व्यावहारिक शिक्षा और सक्रिय जुड़ाव पर केंद्रित थी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में प्रतिभागियों को अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, जलवायु नीति और जलवायु परिवर्तन के सामाजिक-आर्थिक आयामों जैसे विषयों पर गहराई से विचार करने का अवसर प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में डाॅ. प्रदन्या काकोडकर, डॉ. शालिनी राव, डॉ. विवेक मलिक के अलावा संपादकीय टीम के डॉ. ओशिन पुरी, अर्नव रंजन, जयेश सावरकर, दिव्य प्रसन्ना राणा सहित संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह, आईटी हेड और प्रमुख निजी सचिव विनीत कुमार, अर्पिता, संदीप आदि मौजूद रहे।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button