उत्तर प्रदेश समाचार

यह वर्ष भारतीय पारंपरिक चिकित्सा संस्कृति के वैश्विक प्रसार और स्वीकृति का साक्ष्य बना

विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए आयुष के भविष्य के लिए रोडमैप प्रदान किया।

नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने दृष्टिकोण और उद्देश्यों के कार्यान्वयन की पुष्टि करके वर्ष 2023 में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह वर्ष भारतीय पारंपरिक चिकित्सा संस्कृति के वैश्विक प्रसार और स्वीकृति का साक्ष्य बना है। आयुष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान की ओर आगे बढ़ा है और सफलता के कई स्थायी पदचिह्न छोड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी सहयोग और निर्देशन ने स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान सहयोग, निर्यात प्रोत्साहन तंत्र, शैक्षिक सुधार, भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के वैश्विक विस्तार और अन्य क्षेत्रों में आयुष के प्रयासों को अच्छी तरह से रूपांतरित किया है। चिंतन शिविर: फरवरी में आयोजित “चिंतन शिविर” ने डिजिटल स्वास्थ्य, रणनीति, चुनौतियों और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए आयुष के भविष्य के लिए रोडमैप प्रदान किया।

जी20: नेताओं के शिखर सम्मेलन की नई दिल्ली घोषणापत्र में पारंपरिक औषधियों को शामिल किया गया: भारत की जी20 अध्यक्षता ने विश्व नेताओं और स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों को खास तौर पर केंद्रित तरीके से इस प्रभावकारिता को और अधिक निकटता से प्रदर्शित करने का सुनहरा मौका प्रदान किया। आयुष मंत्रालय ने वैश्विक समुदाय को यह बताने के लिए सभी प्रासंगिक विचार-विमर्श में सक्रिय रूप से भाग लिया कि भारत का पारंपरिक स्वास्थ्य विज्ञान एसडीजी 3 के “अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण” पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानवता और पर्यावरण की लगातार बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए कैसे काम कर रहा है। भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान आयुष मंत्रालय ने सभी स्वास्थ्य कार्य समूह कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके परिणामस्वरूप जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के नई दिल्ली घोषणा पत्र के पैरा 28 (vii) में यह उल्लेख किया गया है कि स्वास्थ्य में साक्ष्य-आधारित पारंपरिक और पूरक चिकित्सा की संभावित भूमिका को पहचाना जाए, और इस दिशा में डब्ल्यूएचओ के वैश्विक तथा सहयोगी केंद्र और नैदानिक ​​​​परीक्षण पंजीकरणों सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों पर ध्यान दिया जाए।

पहला एससीओ सम्मेलन: पहले शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आयुष के बढ़ते महत्व को उजागर करते हुए 590 करोड़ रुपये का ट्रेड इंट्रस्ट पैदा किया। आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में इन्वेस्ट इंडिया ने आयुषएक्सिल (आयुष एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) के सहयोग से इस सम्मेलन में बी2बी बैठकें आयोजित कीं। इसमें 19 देशों के 56 से अधिक प्रदर्शकों और खरीदारों ने पारंपरिक चिकित्सा पर चर्चा की और इसके व्यापार में अपनी रुचि व्यक्त की। सम्मेलन के दौरान खरीदारों और विक्रेताओं के बीच 50 से अधिक आमने-सामने की बैठकें आयोजित की गईं। सम्मेलन के दौरान 75 से अधिक बैठकें हुईं, जिनमें भारत, ताजिकिस्तान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, कजाकिस्तान, बहरीन और श्रीलंका के प्रतिभागियों ने भाग लिया। बी2बी बैठकों में दमायरा फार्मा, एआईएमआईएल ग्लोबल, हर्बल स्ट्रेटजी होमकेयर, अल्माटी, दिनदयाल इंडस्ट्रीज, फिडाल्गो हेल्थकेयर जैसी कई अन्य कंपनियों की ओर से 590 करोड़ रुपये का ट्रेड इंट्रस्ट प्राप्त हुआ। इसमें खरीदारों और विक्रेताओं के बीच कई बैठकें हुईं। सम्मेलन में 19 देशों के प्रतिनिधियों ने एक्सपो में कई उत्पाद श्रेणियों में रुचि रखने वाले प्रदर्शकों के साथ बातचीत की। भारत, ताजिकिस्तान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, कजाकिस्तान, बहरीन और श्रीलंका जैसे भाग लेने वाले देशों ने पारंपरिक चिकित्सा व्यापार में अपनी रुचि व्यक्त की।

बीआईएस में आयुष के समर्पित वर्टिकल: भारतीय मानक ब्यूरो ने बीआईएस में आयुष का एक समर्पित वर्टिकल भी बनाया है। बहुत कम समय में, बीआईएस ने आयुष संबंधी सात भारतीय मानक प्रकाशित किए हैं, और 53 अन्य पर काम चल रहा है। बीआईएस आयुष के लिए आईएसओ में भी मजबूत उपस्थिति बना रहा है और आयुष सूचना विज्ञान पर अंतर्राष्ट्रीय मानक तैयार करने के लिए आईएसओ/टीसी 215 – स्वास्थ्य सूचना विज्ञान के तहत आईएसओ में एक समर्पित कार्य समूह (डब्ल्यूजी 10 – पारंपरिक चिकित्सा) बनाया गया है। इससे अधिक स्वीकार्यता हासिल करने में मदद मिलेगी और 165 से अधिक देशों में आयुर्वेद उत्पादों और सेवाओं के निर्यात का द्वार खुलेगा।

अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) ने “आईएसओ/टीआर 4421:2023 स्वास्थ्य सूचना विज्ञान-आयुर्वेद सूचना विज्ञान का परिचय” शीर्षक से पहली आईएसओ मानक तकनीकी रिपोर्ट जारी की। इस तकनीकी रिपोर्ट का उद्देश्य आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली की मूलभूत समझ प्रदान करना है। इसमें कई पहलुओं और प्रक्रियाओं के बारे में बताया गया है जो आयुर्वेदिक निदान और उपचार में अंतर्निहित और आवश्यक हैं। आयुर्वेद सूचना विज्ञान के क्षेत्र में मानकीकरण के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव के जवाब में पारंपरिक दवाओं पर एक आईएसओ टीसी 215 समर्पित कार्य समूह (डब्ल्यूजी 10) का गठन किया गया था। आयुष मंत्रालय और बीआईएस आयुष प्रणालियों के लिए भारतीय मानक और आईएसओ उत्पाद तैयार करने के लिए 2019 से काम कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय उत्पादों का उत्पादन करने के लिए आईएसओ टीसी 215 स्वास्थ्य सूचना विज्ञान के भीतर डब्ल्यूजी 10 पारंपरिक चिकित्सा के लिए तीन और भारतीय अनुप्रयोगों पर वर्तमान में काम चल रहा है।

पारंपरिक चिकित्सा पर डब्ल्यूएचओ-वैश्विक शिखर सम्मेलन और गुजरात घोषणा: गुजरात के गांधीनगर में पारंपरिक चिकित्सा पर पहला वैश्विक शिखर सम्मेलन (17-18 अगस्त 2023) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित किया गया था जिसकी सह-मेजबानी आयुष मंत्रालय ने की थी। इस वैश्विक शिखर सम्मेलन के मुख्य नतीजे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा गुजरात घोषणा के रूप में जारी किये गये। शिखर सम्मेलन में, डब्ल्यूएचओ ने पारंपरिक चिकित्सा पर वैश्विक सर्वेक्षण के शुरुआती निष्कर्षों को भी साझा किया है जो बताता है कि दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा की पहुंच बढ़ रही है। “गुजरात घोषणा” में इस बात पर जोर दिया गया कि पारंपरिक चिकित्सा के महत्व को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की प्राप्ति और सदस्य देशों को साक्ष्य सृजन तथा नीतिगत समर्थन के माध्यम से इस दिशा में काम करने की डब्ल्यूएचओ की प्रतिबद्धता को मान्यता दी गई है।

इस कार्यक्रम में जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के इतर “पारंपरिक चिकित्सा पर जी-20 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन” भी हुआ, जिसमें जी-20 देशों ने अपने-अपने देशों में पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका और संभावनाओं के बारे में बात की।

आयुष आधारित बुनियादी सिद्धांतों के जरिए उन्नत अनुसंधान एवं विकास: इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) सीएसआईआर में आयुष मंत्रालय के उत्कृष्टता केंद्र के तहत, आयुर्वेद प्रकृति का संबंध जीनोम अनुक्रम के साथ बनाया गया है जो इसे व्यक्तिगत निवारक और भविष्यसूचक चिकित्सा की दिशा में ऐतिहासिक अध्ययन बनाता है। वे गट माइक्रोबायोटा पर भी आशाजनक परिणाम प्राप्त कर रहे हैं और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के भविष्य को आकार देने के लिए मेटाबोलॉमिक्स, प्रोटिओमिक्स आदि के उन्नत जीव विज्ञान पर काम कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 9वें संस्करण में दुनिया भर में इसकी अभूतपूर्व पहुंच देखी गई, जिसमें संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भागीदारी के लिए गिनीज रिकॉर्ड सहित दो विश्व रिकॉर्ड स्थापित हुए। इस कार्यक्रम में 135 से अधिक देशों के हजारों योग प्रेमियों की जबरदस्त भागीदारी देखी गई, जिसने एक योग सत्र में अधिकतम संख्या में लोगों की भागीदारी का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। आईडीआई 2023 में आईडीआई की उपलब्धि में एक और उपलब्धि शामिल हुई जब सूरत (गुजरात, भारत) में एक ही स्थान पर एक योग सत्र में लोगों के सबसे बड़े जमावड़े का गिनीज विश्व रिकॉर्ड बना। इस आयोजन में एक लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।

9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य आकर्षण योग के महासागरीय रिंग, ‘आर्कटिक से अंटार्कटिक तक योग’, ‘उत्तर और दक्षिण ध्रुवों पर योग’, ‘योग भारतमाला’ और ‘योग सागरमाला’ के निर्माण की अनूठी अवधारणा थी जिसमें लगभग 23.14 करोड़ लोग शामिल हुए।

19 भारतीय नौसेना जहाजों पर सवार लगभग 3500 नौसैनिकों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्रों में योग के दूत के रूप में 35,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। इसमें विदेशी बंदरगाहों/अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्रों पर 11 आईएन जहाजों पर 2400 से अधिक कर्मी शामिल हैं। विशेष रूप से, हमारे विदेशी मिशनों के साथ मिलकर कई विदेशी नौसेनाओं के जहाजों पर आईडीवाई मनाया गया, जिसमें 1200 से अधिक विदेशी नौसेना कर्मी शामिल हुए।

ग्रामीण समुदायों को योग से जोड़ने के लिए आयुष मंत्रालय ने “हर आंगन योग” का संदेश फैलाने की विस्तृत योजना बनाई थी। योग प्रदर्शनों का आयोजन पंचायतों, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों, स्कूलों, लगभग 2 लाख सामान्य सेवा केंद्रों, आयुष ग्राम इकाई और अमृत सरोवर पर किया गया।

चिकित्सा उपयोगिता यात्रा को बढ़ावा दे रहा है आयुष वीज़ा : जीएआईआईएस 2022 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी की घोषणा को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने आयुष प्रणाली/भारतीय चिकित्सा प्रणाली के तहत इलाज हेतु विदेशी नागरिकों के लिए आयुष वीज़ा (श्रेणी एवाई) को अधिसूचित किया। आयुष वीज़ा की शुरुआत चिकित्सीय देखभाल, कल्याण, योग आदि जैसी भारतीय चिकित्सा प्रणाली के तहत उपचार की तलाश में भारत आने वाले विदेशियों के लिए एक विशेष वीज़ा योजना है। आयुष वीज़ा चिकित्सा उपयोगिता यात्रा को बढ़ावा देगा और इसका उद्देश्य भारत को एक चिकित्सा उपयोगिता यात्रा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत को दुनिया के चिकित्सा पर्यटन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए वन-स्टॉप ‘हील इन इंडिया’ पोर्टल विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

आयुष मंत्रालय और भारत पर्यटन विकास निगम ने भारत में आयुष क्षेत्र में चिकित्सा उपयोगिता यात्रा को बढ़ावा देने हेतु मिलकर काम करने के लिए जनवरी 2023 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

अनुसंधान प्रभाव: प्रधानमंत्री की तरफ से “मन की बात” कार्यक्रम में ‘आयुष’ के उल्लेख ने इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसे सीसीआरएएस के जेआरएएस जर्नल के एक विशेष अंक में संकलित और प्रकाशित किया गया था। आयुष मंत्रालय ने बुनियादी विज्ञान मंत्रालयों/विभागों और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संगठनों के साथ मिलकर कई सहयोगात्मक और एकीकृत शोध शुरू किए हैं।

एकीकृत स्वास्थ्य: एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को बढ़ावा देने और इसमें सहयोग करने के लिए 11 मई 2023 को आयुष मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान आयुष और बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार,  नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल, सचिव (आयुष), सचिव (स्वास्थ्य), सचिव और महानिदेशक (आईसीएमआर) और दोनों मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस सहयोग के तहत आयुष की व्यापक स्वीकृति के लिए साक्ष्य तैयार करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान पर काम करने की संभावना तलाशी जाएगी, राष्ट्रीय महत्व की बीमारियों के निदान के लिए पहल की जाएगी और आयुष प्रणाली के आशाजनक उपचारों के साथ राष्ट्रीय महत्व के चिन्हित क्षेत्रों/रोग स्थितियों पर संयुक्त रूप से उच्च गुणवत्ता वाले नैदानिक ​​​​परीक्षण आयोजित करने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। यह समझौता आईसीएमआर-डीएचआर द्वारा “मानव प्रतिभागियों को शामिल करते हुए जैव-चिकित्सा और स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय नैतिक दिशा-निर्देशों” में एकीकृत चिकित्सा पर अनुसंधान को शामिल करने की संभावना का पता लगाने में सुविधा प्रदान करेगा। यह समझौता ज्ञापन आयुष शोधकर्ताओं के प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसंधान क्षमता को भी मजबूत करेगा।

केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने संयुक्त रूप से 7 फरवरी 2023 को सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग का उद्घाटन किया। इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग मरीजों के लिए विशेष ओपीडी, पंचकर्म थेरेपी और आहार परामर्श में सेवाएं प्रदान करेगा।

सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने 25 अक्टूबर 2023 को एकीकृत चिकित्सा केंद्र की स्थापना करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एकीकृत केंद्र रोग प्रबंधन में एलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेद के एकीकृत उपचार दृष्टिकोण के प्रभाव के लिए अनुसंधान डेटा एकत्र करने में मदद करेगा।

आयुष मंत्रालय और पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना विभाग (ईसीएचएस) ने पूरे भारत में 10 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिकों को आयुर्वेद से जोड़ने के लिए मार्च 2023 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता ज्ञापन रक्षा क्षेत्र में आयुष स्वास्थ्य सेवाओं का और विस्तार करेगा। इसके अलावा, एएफएमसी के 12 सैन्य अस्पतालों और 37 छावनी बोर्ड अस्पतालों में पहले से ही आयुर्वेद केंद्र चलाए जा रहे हैं।

आयुष में अनुसंधान का प्रभावी दस्तावेज़ीकरण: आयुष में विभिन्न अनुसंधानकर्ताओं द्वारा व्यापक अनुसंधान कार्यों का विशाल भंडार एक समर्पित वेबसाइट आयुष अनुसंधान पोर्टल पर ऑनलाइन बनाया गया है, जिसमें (28.12.2023 तक) 41743 अनुसंधान प्रकाशनों को सूचीबद्ध किया गया है। इस पोर्टल को आयुष मंत्रालय में सीसीआरएएस सक्रिय रूप से प्रबंधित करता है और इसे खोजने योग्य प्रारूप में बनाया गया है। इसमें अनुक्रमित पत्रिकाओं में प्रकाशन शामिल हैं। यह साक्ष्य आधारित आयुष प्रणालियों का प्रदर्शन और शोधकर्ताओं तथा शिक्षाविदों के लिए तैयार सामग्री प्रदान करता है।

स्मार्ट कार्यक्रम : चिकित्सा शिक्षा को विनियमित करने और वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (एनसीआईएसएम) और केंद्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने ‘स्मार्ट’ (शिक्षण पेशा में आयुर्वेद अनुसंधान को मुख्यधारा में लाने की संभावना) लॉन्च किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आयुर्वेद कॉलेजों और अस्पतालों के माध्यम से प्राथमिकता वाले स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रीय आयुष मिशन: बुनियादी ढांचे के विकास और आयुष स्वास्थ्य देखभाल तक लोगों की पहुंच में सुधार करने में केंद्रशासित प्रदेशों/राज्य सरकारों की मदद करने के लिए केंद्र प्रायोजित एक प्रमुख योजना यानी राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) काम कर रही है।

आयुष मंत्रालय ने 18 और 19 मई 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 2 दिवसीय राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) कॉन्क्लेव- राज्य/केंद्रशासित प्रदेश आयुष/स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया। आयुष और बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया मुख्य अतिथि थे। इस सम्मेलन में आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. महेंद्रभाई मुंजपारा और इसमें शामिल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 13 स्वास्थ्य और आयुष मंत्रियों ने भाग लिया। एनएएम कॉन्क्लेव के मौके पर विभिन्न राज्यों के आयुष और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक गोलमेज चर्चा आयोजित की गई। इस कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र के दौरान ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (ईएलएमएस) और एक उन्नत ईएचआर प्रणाली एएचएमआईएस का शुभारम्भ किया गया।

इसके अलावा, आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय आयुष मिशन के जरिए आयुष्मान भारत के तहत 12,500 स्वास्थ्य सुविधाओं को आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र में अपग्रेड करने की मंजूरी की प्रक्रिया पूरी की। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 के दौरान 8.42 करोड़ लाभार्थी और जनवरी 2023 से अक्टूबर 2023 तक 6.91 करोड़ लाभार्थी इन सुविधाओं से लाभान्वित हुए।

आयुरटेक आईआईटी जोधपुर: सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) योजना के तहत आयुष मंत्रालय ने मई 2023 में आईआईटी जोधपुर में आयुरटेक केंद्र को प्रायोजित किया है। सीओई आयुरटेक आईआईटी जोधपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस (एआईडीई) स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सटीक स्वास्थ्य देखभाल में उत्कृष्टता केंद्र का हिस्सा है। इस केंद्र का उद्देश्य आबादी तथा व्यक्तिगत जोखिम स्तरीकरण और शीघ्र कार्रवाई योग्य सटीक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों के लिए एआई-संचालित एकीकृत ढांचा स्थापित करना है। आयुरटेक सेंटर को सटीक स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में अपनी तरह की पहली पहल के रूप में प्रस्तावित किया जा रहा है जो ट्रांसडिसिप्लिनरी में ‘साक्ष्य-आधारित आयुर्वेद’ समाधानों को साकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजिटल स्वास्थ्य और एआई और मल्टी-ओमिक्स प्रौद्योगिकियों को संयोजित करेगा।

उत्तर-पूर्व विकास पर फोकस:-

आयुष मंत्रालय ने अपनी विभिन्न योजनाओं, बुनियादी ढांचे के विकास और विभिन्न शिखर सम्मेलनों, आयुष पर्व और एक्सपो आदि के माध्यम से उत्तर-पूर्व क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास की गति को तेज करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्ष 2023 में उत्तर-पूर्व क्षेत्र में आयुष बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित उपाय किये गये:

819 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का निर्माण या मंजूरी दी गई है।

100 से अधिक आयुष फार्मेसियों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।

50 से अधिक आयुष अस्पताल स्वीकृत किये गये हैं।

शैक्षणिक संस्थानों के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

पारंपरिक चिकित्सा पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत पहला बी2बी सम्मेलन असम के गुवाहाटी में आयोजित किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मुख्य कार्यक्रम के इतर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

रोग के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण में आयुष: आयुष मंत्रालय ने आईसीडी-11 के पारंपरिक चिकित्सा अध्याय के दूसरे मॉड्यूल में शामिल करने के लिए आयुष मॉर्बिडली और मानकीकृत कोड को शामिल करने का समर्थन किया।

डब्ल्यूएचओ सहयोग: आयुष मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ के साथ एक परियोजना सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में पारंपरिक और पूरक दवाओं के मानकों, गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक वैश्विक रणनीति तैयार करना है।

डब्ल्यूएचओ /आईटीयू में पारंपरिक चिकित्सा के लिए एआई टॉकिंग ग्रुप में भारत का नेतृत्व – स्वास्थ्य में एआई पर फोकस ग्रुप: पारंपरिक चिकित्सा में एआई के लिए टॉकिंग ग्रुप (टीजी) का गठन डब्ल्यूएचओ/आईटीयू में स्वास्थ्य के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एफजी-एआई4एच) पर फोकस ग्रुप के तहत किया गया है। आयुष मंत्रालय अन्य पारंपरिक चिकित्सा भागीदारों के साथ मिलकर इस कार्य का नेतृत्व करेगा।

संक्षेप में, वर्ष 2023 आयुष मंत्रालय के लिए एक परिवर्तनकारी वर्ष है, जो इसके वैश्विक प्रभाव, पारंपरिक चिकित्सा के प्रति प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ाने के प्रयासों को दर्शाता है।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button