20 दिसम्बर को आयोजित होगा 30वां वार्षिक सम्मेलन : कमला पंत
सम्मेलन में महिला मंच के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
देहरादून। उत्तराखण्ड महिला मंच अपना 30वां वार्षिक सम्मेलन 20 दिसम्बर को स्थानीय टाउन हॉल में आयोजित करने जा रही है। सम्मेलन में महिला मंच के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस अवसर पर उत्तराखण्ड महिला मंच भू कानून को लेकर 34 पृष्ठ की एक पुस्तिका भी प्रकाशित करने जा रही है। इसका लोकार्पण भी सम्मेलन में किया जाएगा।
यह जानकारी आज दोपहर 12ः30 बजे कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मृति स्थल में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्रीमती कमला पंत ने दी। उन्होने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में महिलाओं एवं युवाओ के प्रमुख योगदान को कभी भूलाया नही जा सकता। राज्य गठन के बाद से लेकर सत्तासीन रहे राजनीतिक दलों व उनके नेताओ के निहित स्वार्थी चरित्र के चलते राज्य निर्माण को 23 वर्ष हो गए परंतु इन 23 वर्षाे में सबसे ज्यादा अवहेलन महिलाओं व युवाओ के मुद्दो की हुयी है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड की मातृ शक्ति यदि राज्य निर्माण के संघर्ष में भागीदार न होती तो शायद आज उत्तराखण्ड राज्य निर्माण का सपना भी पूरा न होता। मातृ शक्ति को यह उम्मीद थी कि जब पृथक राज्य का निर्माण होगा तो उनके बच्चो को अपने राज्य में रोजगार मिलेगा बच्चो को अच्छी व सस्ती शिक्षा समान रूप से मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ। कमला पंत ने कहा कि मातृ शक्ति को यह भी विश्वास था कि आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए उत्तराखण्ड एक नशा मुक्त और अपराध मुक्त राज्य बन सकेगा उन्हें विश्वास था कि जो भी सरकार बनेगी उसके नेता लोग उत्तराखंडी होने के नाते निश्चित ही इसी दिशा में काम करेंगे परंतु ऐसा कुछ भी नही हुआ। आज प्रदेश की मातृ शक्ति नशे के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर है। कमला पंत ने कहा कि वर्तमान सरकार हो या पूर्ववर्ती सरकार किसी ने भी युवाओं, मातृ शक्ति के मुद्दो की ओर ध्यान तक नही दिया। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड महिला मंच आने वाली पीढ़ी के हित मेंे उन सभी मुद्दो को हमेशा पूरजोर तरीके से उठाती रहेगी जिनकी तरफ सरकार ध्यान नही दे रही है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड को नशा मुक्त प्रदेश बनाने के लिए उत्तराखण्ड महिला मंच अपने आगामी 30वें वार्षिक सम्मेलन में पूरजोर ढंग से उठायेगी और निर्णायक संघर्ष की रणनीति भी तैयार करेगी।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड महिला मंच की निर्मला बिष्ट ने कहा कि राज्य में बढ़ती महिला हिंसा और सरकार के द्वारा पहले 2018 में और अभी 2023 में जिस तरह से इंवेस्टर समीट करके प्रदेश की सम्पूर्ण प्राकृतिक सम्पदा को भी विकास के नाम पर लूटाने का काम कर रही है और इस तरह से यहां के आम लोगो पर जो विनाशकारी विकास मॉडल थोपने का प्रयास किया जा रहा है उस पर भी सम्मेलन में खुली चर्चा की जाएगी। इमानदार, संघर्षशील संगठनो के पास जन जागरण और जनहित की बातो को लेकर जन-जन तक पहंुचाने के लिए यह सम्मेलन महत्वपूर्ण साबित होगा।