एक दिवसीय हितभागी कार्यशाला का आयोजन
विदित हो कि उत्तराखण्ड के आपदा प्रबन्धन विभाग के अर्न्तत विश्व बैंक द्वारा एक परियोजना का क्रियान्वयन किया जाना प्रस्तवित है
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन एवं पुर्नवास विभाग उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के तत्वाधान में एक दिवसीय हितभागी कार्यशाला का आयोजन देहरादून स्थित होटल पैसेफिक में प्रातः 10ः00 बजे से किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य आपदा प्रबन्धन विभाग के अन्तर्गत विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित उत्तराखण्ड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एण्ड रजिलियेन्ट परियोजना (यू-प्रीपेयर) के बारे में सम्मिलित उत्तराखण्ड सरकार के सभी रेखा विभागों यथा लोक निर्माण विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग, अग्नि शमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग को विश्व बैंक की नीतियों एवं कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देना था। विदित हो कि उत्तराखण्ड के आपदा प्रबन्धन विभाग के अर्न्तत विश्व बैंक द्वारा एक परियोजना का क्रियान्वयन किया जाना प्रस्तवित है, जिसमें उत्तराखण्ड राज्य को आपदा से सुरक्षित बनाये जाने हेतु सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति से राज्य को सक्षम बनाने एवं प्रतिवादन की क्षमता को उन्नत करने पर बल दिया गया है। इस कार्यालय में विश्व बैंक की पर्यावरणीय और सामाजिक सुरक्षा नीति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्यावरणीय एवं सामाजिक प्रबन्धन रूपरेखा जिसमें पुर्नवास नीति एवं पर्यावरणीय एवं सामाजिक सुरक्षा से सम्बन्धित नियमों, भारत सरकार के श्रम कानूनों की जानकारी, रेखीय विभागों के समस्त स्टेक होल्ड़रों को प्रदान की गयी, जिसकी समस्त सूचना नाकपेंजमततमबवअमतलण्पद पर भी प्रदर्शित की गयी है। कार्यशाला में प्रस्तावित परियोजना ’’उत्तराखण्ड डिजास्टर प्रिपेयर्डनेस एण्ड रजिलियेन्ट परियोजना (यू-प्रीपेयर)’’ के अन्तर्गत समस्त उप परियोजनाओं की जानकारी भी उपस्थित प्रतिभागियों एवं हितधारकों को दी गयी। परियोजना के अन्तर्गत सेतुओं, सड़क सुरक्षात्मर्क कार्य, अस्पतालों का सुदृढ़ीकरण, वन विभाग के अन्तर्गत फायर क्रू स्टेशन, स्टेट डिजास्टर रिकवरी फोर्स हेतु ट्रेनिंग सेन्टरों एवं सब-स्टेशन का निर्माण एवं अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग के केन्द्रों का पुर्ननिर्माण आदि कार्य शामिल है। परियोजना की अवधि 05 वर्ष की है। परियोजना का प्रारम्भ माह जनवरी 2024 से होना सम्भावित है।
कार्यशाला में उत्तराखण्ड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट-एडिशनल फाइनेसिंग के एसके बिरला, अपर परियोजना निदेशक, अजय वर्मा, उप कार्यक्रम प्रबन्धक, अनिल कुमार सिंघल, सहायक अभियन्ता, श्रीमती प्रियंका वैष्णव अरोड़ा, सहायक अभियन्ता, इं. युवराज गिरी, प्रोक्योरमेंट एक्सपर्ट, शिवाशुं नेगी, मैनेजर कॉन्ट्रेक्ट मैनेजमेंट, अमित थापा, मैनेजर ऑफिस मैनेजमेंट, भवतोष भट्ट, डाक्यूमेंटेशन एक्सपर्ट, श्रीमती अंजू पंवार, पर्यावरण विशेषज्ञ, सोमेश सिंह कुशवाह, मैनेजर आईईसी एक्सपर्ट के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग, अग्निशमन विभाग, वन विभाग, एसडीआरएफ के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।