उत्तराखंड समाचारधर्म

विश्व शांति के लिए गंगोत्री धाम में किया विशेष हवन

आतंकवाद में किसी भी समस्या का समाधान निहित नहीं है अध्यात्मवाद में ही समस्याओं का समाधान है।

ऋषिकेश, 16  अक्‍टूबर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती और विश्व के कई देशों से आये भक्तों ने इजराइल में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए गंगोत्री धाम की प्रार्थना और विशेष हवन किया। नवरात्रि के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने वैश्विक शान्ति विशेष कर इजराइल में शान्ति हेतु विशेष प्रार्थना की। इजराइल में जो लोग इन समस्याओं से जुझ रहे हैं उन्हें मनोबल प्रदान हो तथा जो इस दुनिया से चले गये उनके परिवार जनों को यह दुःख सहने की शक्ति व धैर्य ईश्वर प्रदान करें इस हेेतु सभी ने मिलकर माँ गंगा के स्रोत गंगोत्री धाम में हवन किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आज वैश्विक शान्ति का संदेश देते हुये कहा कि भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति है। शान्ति और अहिंसा की संस्कृति है। आतंकवाद में किसी भी समस्या का समाधान निहित नहीं है अध्यात्मवाद में ही समस्याओं का समाधान है। भारत ने सदैव ही शान्ति की संस्कृति को बढ़ावा दिया है और यही वर्तमान की सभी समस्याओं का समाधान भी है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने देशवासियों को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनायें देते हुये कहा कि नवरात्रि शक्ति का पर्व है, शक्ति के सामंजस्य और संवर्द्धन का पर्व है। जिस प्रकार जीवन के चार चरण, ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ तथा सन्यास होते हैं, उसी प्रकार नवरात्रि भी चार चैत्र, शरद तथा दो गुप्त नवरात्रि होती है। नवरात्रि के नौ दिन बहुत विशेष होते हैं। पहला दिन शैलपुत्री जो राजा हिमालय की पुत्री हैं। पहला दिन गुलाबी रंग का प्रतिनिधित्व करता है, यह रंग खुशी, प्रसन्नता और उत्साह का प्रतीक है। दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी, देवी ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव के लिए कई वर्षों तक तपस्या की। उन्होंने इन पूरे वर्षों के दौरान सफेद रंग पहना, जो शांति और ब्रह्मचर्य का रंग है। तीसरा दिन चंद्रघंटा, माता चंद्रघंटा लाल रंग के वस्त्र पहनती हैं, जो साहस और शक्ति का रंग है। चतुर्थ दिवस कुष्मांडा जो नारंगी रंग का प्रतिनिधित्व करता है। यह रंग जीवतंता, ऊर्जा और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। देवी कुष्मांडा प्रकाश का स्रोत हैं इसलिए यह रंग पूरी तरह से देवी को समर्पित है। पांचवा दिन स्कंदमाता का दिन है तथा पीला रंग देवी स्कंद माता को समर्पित है। पीला रंग मां के पालन-पोषण करने वाले स्वभाव को दर्शाता है। छटा दिवस कात्यायनी जिनका संबंध मैरून रंग से है। यह रंग समर्पण और इच्छा शक्ति को दर्शाता है। सातवा दिन कालरात्रि माता का दिन है जो नेवी ब्लू रंग है, यह देवी कालरात्रि से संबंधित है इससे दुश्मनों और बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है। आठवा दिन महागौरी जो हरे रंग से जुड़ा है यह रंग हृदय और आत्मा को शुद्ध करता है। नौ वां दिन सिद्धिदात्री, जो बेज रंग का प्रतीक है यह रंग स्पष्टता और शांति का प्रतिनिधित्व करता है। इन रंगों और प्रतीकों के माध्यम से माता की पूजा व आराधना करें।

 

 

 

 

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