उत्तराखंड समाचार

बम-बम भोले के जयकारे से गूंजी कांवड़ पटरी

कांवड़ पटरी पर चारों ओर 'बम-बल भोले' के जयकारे लग रहे हैं।

लालढांग: महाशिवरात्रि की तिथि नजदीक आने के साथ ही फाल्गुनी कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों की आस्था का सैलाब धर्मनगरी में उमड़ने लगा है। कांवड़ पटरी पर चारों ओर ‘बम-बल भोले’ के जयकारे लग रहे हैं। कांवड़ यात्रियों की भारी भीड़ के बीच पुलिस को यातायात सुचारु करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। बुधवार को चंडीघाट चौकी पर एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेकर एसओ श्यामपुर को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

श्रावण मास की कांवड़ यात्रा में ज्यादातर कांवड़ यात्री दिल्ली, मेरठ, मुज्जफरनगर, हरियाणा और राजस्थान की ओर से यहां आते हैं। इसलिए उनके वापसी के क्रम में हरिद्वार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीड़ रहती है। लेकिन, फाल्गुनी कांवड़ के समय बिजनौर, मुरादाबाद बरेली आदि क्षेत्रों से आने वाले शिवभक्त कांवड़ यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है। इसलिए भीड़ हरिद्वार-बिजनौर-मुरादाबाद हाईवे पर ज्यादा होती है। फाल्गुन माह की कांवड़ यात्रा अब अपने चरम पर पहुंच रही है। हरकी पैड़ी से जल लेकर कांवड़ यात्री अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। हाईवे और नहर पटरी पर हर ओर कांवड़ यात्रियों की कतार देखने को मिल रही है। बता दें कि फाल्गुन माह की कावड़ में मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, धामपुर, स्योहारा आदि इलाकों से लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़ लेने पहुंचते हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि तक हरिद्वार-नजीबाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर कांवड़ यात्रियों सहित वाहनों का रेला देखने को मिलता है। भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस अब और सतर्क हो गई है। थानाध्यक्ष श्यामपुर अनिल चौहान और चंडी घाट चौकी इंचार्ज नवीन पुरोहित दल बल के साथ यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे हैं। वहीं गुरुवार दोपहर को एसपी सिटी स्वंतंत्र कुमार ने चंडी घाट चौकी पहुंच सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। एसपी सिटी ने बताया कि फाल्गुन माह की कांवड़ में हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे पर कावड़ियों का अत्यधिक दवाब रहता है। लिहाजा पूरे श्यामपुर थाना क्षेत्र में हाईवे पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जो यातायात सुचारू करने में जुटे हैं। श्रावण मास के कांवड़ मेले में सरकार की ओर से लाखों रुपये के बजट से कांवड़ यात्रियों की सुविधा के उचित प्रबंध किए जाते हैं। लेकिन, फाल्गुन माह के कांवड़ मेले में सरकार की ओर से बजट की व्यवस्था नहीं की जाती है। इसके कारण कावड़ियों को नहर पटरी में पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

 

 

 

 

 

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