मानसिक अवसाद आत्महत्या का प्रमुख कारण
फरीदाबाद। राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, जूनियर रेडक्रॉस तथा गाइडस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आत्महत्या निवारण दिवस पर अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि जब कोई व्यक्ति बहुत तनाव भरी मानसिक स्थिति से गुजरता है तो अवसाद में चला जाता है इसी अवसाद के कारण अधिकतर युवा आत्महत्या कर लेते हैं। जिससे उनके परिवार पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक वर्ष विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इसे लोगों में मानसिक स्वास्थ के प्रति जागरुकता फैलाने और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए मनाया जाता है। आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए इसे 2003 में प्रारंभ किया गया था। इस का प्रारंभ आईएएसपी अर्थात इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन द्वारा की गई थी। इस अवसर स्वास्थ्य विभाग से मनोवैज्ञानिक प्रीति यादव, साइकेट्रिक नर्सिंग ऑफिसर सुमंत्रा एवम मानसिक स्वास्थ्य विभाग बी के हॉस्पिटल से कम्यूनिटी नर्सिंग ऑफिसर ममता ने विद्यार्थियों को वर्तमान पर फोकस करने और किसी भी प्रकार का तनाव से दूर रहने के लिए मोटिवेट किया। ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि इस दिवस को स्वास्थ्य संगठन और मानसिक स्वास्थ्य फेडरेशन द्वारा को स्पॉन्सर किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक चालीस सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। प्रत्येक वर्ष अनुमानतः आठ लाख से भी अधिक व्यक्ति आत्महत्या कर लेते हैं। जबकि इससे भी अधिक संख्या में लोग आत्महत्या का असफल प्रयास करते हैं। यह स्थिति बहुत डराने वाली है। इससे पता चलता है कि आज के समय में लोगों में कितना ज्यादा मानसिक तनाव है। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि लोगों में पारिवारिक समस्याओं के चलते अपने जीवन यात्रा को समाप्त कर लेते हैं। बहुत से व्यक्ति अपनी नौकरी या अन्य वैवाहिक समस्याओं के कारण से परेशान होकर ऐसे स्टेप उठाते हैं। दूसरी ओर परीक्षा का तनाव और बेरोजगारी जैसी समस्याएं भी बढ़ती आत्महत्या का प्रमुख कारण है इस के अतिरिक्त अकेलेपन का शिकार होने की वजह से व्यक्ति आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा सकता है जब कोई मानसिक तौर से अवसाद में रहता है तो ऐसे में उसके व्यवहार में कुछ समय से आपको बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे लोग सामान्यतः समुदाय से और लोगों से दूर रहना पसंद करते हैं। साथ ही ऐसे लोग सोशल मीडिया तथा सामूहिक भागीदारी से भी दूरी बना लेते हैं। मानसिक अवसाद से बचाव और अपनी समस्याओं का परिवार, मित्रों और अन्य माध्यम से समाधान ही व्यक्ति को आत्महत्या जैसे अपराध से बचाने में सहायक होता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा और एक्टिविटीज कॉर्डिनेटर गीता, सुशीला बेनीवाल, ममता और स्वास्थ्य विभाग से मनोवैज्ञानिक प्रीति यादव, साइकेट्रिक नर्सिंग ऑफिसर सुमंत्रा एवम मानसिक स्वास्थ्य विभाग बी के हॉस्पिटल से कम्यूनिटी नर्सिंग ऑफिसर ममता ने मानसिक अवसाद दूर करने के लिए बताते हुए कहा कि हमें अंतर्मुखी न हो कर बहिर्मुखी दृष्टिकोण अपना कर इस समस्या से बचे रह कर समाज का उचित मार्गदर्शन कर सकते हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने स्वास्थ्य विभाग से आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया।
फरीदाबाद। राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, जूनियर रेडक्रॉस तथा गाइडस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आत्महत्या निवारण दिवस पर अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि जब कोई व्यक्ति बहुत तनाव भरी मानसिक स्थिति से गुजरता है तो अवसाद में चला जाता है इसी अवसाद के कारण अधिकतर युवा आत्महत्या कर लेते हैं। जिससे उनके परिवार पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक वर्ष विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इसे लोगों में मानसिक स्वास्थ के प्रति जागरुकता फैलाने और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए मनाया जाता है। आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए इसे 2003 में प्रारंभ किया गया था। इस का प्रारंभ आईएएसपी अर्थात इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन द्वारा की गई थी। इस अवसर स्वास्थ्य विभाग से मनोवैज्ञानिक प्रीति यादव, साइकेट्रिक नर्सिंग ऑफिसर सुमंत्रा एवम मानसिक स्वास्थ्य विभाग बी के हॉस्पिटल से कम्यूनिटी नर्सिंग ऑफिसर ममता ने विद्यार्थियों को वर्तमान पर फोकस करने और किसी भी प्रकार का तनाव से दूर रहने के लिए मोटिवेट किया। ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि इस दिवस को स्वास्थ्य संगठन और मानसिक स्वास्थ्य फेडरेशन द्वारा को स्पॉन्सर किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक चालीस सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। प्रत्येक वर्ष अनुमानतः आठ लाख से भी अधिक व्यक्ति आत्महत्या कर लेते हैं। जबकि इससे भी अधिक संख्या में लोग आत्महत्या का असफल प्रयास करते हैं। यह स्थिति बहुत डराने वाली है। इससे पता चलता है कि आज के समय में लोगों में कितना ज्यादा मानसिक तनाव है। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि लोगों में पारिवारिक समस्याओं के चलते अपने जीवन यात्रा को समाप्त कर लेते हैं। बहुत से व्यक्ति अपनी नौकरी या अन्य वैवाहिक समस्याओं के कारण से परेशान होकर ऐसे स्टेप उठाते हैं। दूसरी ओर परीक्षा का तनाव और बेरोजगारी जैसी समस्याएं भी बढ़ती आत्महत्या का प्रमुख कारण है इस के अतिरिक्त अकेलेपन का शिकार होने की वजह से व्यक्ति आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा सकता है जब कोई मानसिक तौर से अवसाद में रहता है तो ऐसे में उसके व्यवहार में कुछ समय से आपको बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे लोग सामान्यतः समुदाय से और लोगों से दूर रहना पसंद करते हैं। साथ ही ऐसे लोग सोशल मीडिया तथा सामूहिक भागीदारी से भी दूरी बना लेते हैं। मानसिक अवसाद से बचाव और अपनी समस्याओं का परिवार, मित्रों और अन्य माध्यम से समाधान ही व्यक्ति को आत्महत्या जैसे अपराध से बचाने में सहायक होता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा और एक्टिविटीज कॉर्डिनेटर गीता, सुशीला बेनीवाल, ममता और स्वास्थ्य विभाग से मनोवैज्ञानिक प्रीति यादव, साइकेट्रिक नर्सिंग ऑफिसर सुमंत्रा एवम मानसिक स्वास्थ्य विभाग बी के हॉस्पिटल से कम्यूनिटी नर्सिंग ऑफिसर ममता ने मानसिक अवसाद दूर करने के लिए बताते हुए कहा कि हमें अंतर्मुखी न हो कर बहिर्मुखी दृष्टिकोण अपना कर इस समस्या से बचे रह कर समाज का उचित मार्गदर्शन कर सकते हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने स्वास्थ्य विभाग से आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया।