एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया रक्षा उत्पादन का मूल्य
डीएपी 2020 एमएसएमई और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रावधान प्रदान करता है।
देहरादून। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान रक्षा उत्पादन का मूल्य पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल की हैं और एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित भारतीय उद्योग द्वारा रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सुधार लाए हैं, जिससे देश में रक्षा विनिर्माण और प्रौद्योगिकी में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा मिला है। सरकार रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स), प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ), रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 के तहत मेक प्रक्रिया जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत रक्षा प्रौद्योगिकी के विकास के लिए एमएसएमई/स्टार्ट-अप की भागीदारी को बढ़ावा देती है। डीएपी 2020 एमएसएमई और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रावधान प्रदान करता है। इसके अलावा, एमएसई आदेश, 2012 के लिए सार्वजनिक खरीद नीति को डीपीएसयू में लागू किया गया है, जिसके तहत कुछ शर्तों के तहत एमएसएमई बोलीदाताओं को मूल्य प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा, डीपीएसयू और सेवाओं ने ‘स्वदेशीकरण के लिए सृजन पोर्टल’ पर 30,000 से अधिक रक्षा वस्तुओं को अपलोड किया है और उन्हें एमएसएमई सहित उद्योग को स्वदेशीकरण प्रक्रिया में भागीदार बनने की पेशकश की है।
इसके अलावा, एमएसएमई/स्टार्ट-अप सहित उद्योगों को शामिल करके रक्षा और एयरोस्पेस में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल, 2018 में इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस लॉन्च किया गया था। इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस भविष्य की प्रौद्योगिकियों के लिए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को चलाने के लिए अनुदान/वित्त पोषण और अन्य सहायता प्रदान करता है। एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित उद्योगों ने रक्षा उपकरणों के डिजाइन, विकास और विनिर्माण सहित रक्षा नवाचार कार्यों के लिए इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस को उत्साहजनक प्रतिक्रिया दी है। इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस ने व्यक्तिगत नवप्रवर्तकों द्वारा स्टार्ट-अप के गठन को बढ़ावा देकर और मौजूदा स्टार्ट-अप/एमएसएमई को समर्थन देकर रक्षा औद्योगिक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया है। इससे रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं। इसके अलावा, एमएसएमई को रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में लाने और इस तरह देश में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा निर्यात में योगदान देने के लिए, रक्षा मंत्रालय ने रक्षा में एमएसएमई को बढ़ावा देने की एक योजना बनाई है। इस योजना के तहत, देश के विभिन्न हिस्सों के उद्योग संघों और अन्य हितधारकों के सहयोग से कार्यशालाएं/सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में प्रताप राव जाधव और अन्य को एक लिखित उत्तर में दी।