उत्तर प्रदेश समाचार

नशा सभी अपराधों की जड़ : रविंद्र कुमार मनचन्दा

अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस : नशे को ना कहें

फरीदाबाद। समाज में दिन प्रतिदिन शराब, मादक पदार्थों व द्रव्यों के सेवन की बढ़ती हुई प्रवृत्ति को रोकने के लिए शिक्षा विभाग के आदेशानुसार राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने नशा छोड़ो अभियान चलाया। इस आयोजन का उद्देश्य समाज में बढ़ती हुई मद्यपान, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट की बुरी आदत एवं नशीले मादक द्रव्यों, पदार्थों के दुष्परिणामों से समाज को अवगत कराना है ताकि मादक द्रव्य एवं मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए उचित वातावरण एवं चेतना का निर्माण हो सके। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थ बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण चिंता का विषय बन चुका है। आज शिक्षा विभाग के आदेशानुसार पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि प्राध्यापिका गीता ने पेंटिंग कंपटीशन के आयोजन में महती भूमिका निभाई और छात्रा राधिका, साक्षी, गीतांजलि, निशा सहित बड़ी संख्या में छात्राओं ने प्रतिभागिता की। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने नशा निवारण दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि यू एन जनरल असेंबली ने 7 दिसंबर 1987 में एक प्रस्ताव पारित किया जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ विरोधी दिवस के रूप में मनाए जाने का निश्चय किया गया। नशे में गैर कानूनी लेन देन के विरुद्ध सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों को परिचित कराया जाना आवश्यक समझा गया। यह दिवस एक तरफ लोगों में चेतना फैलाता है वहीं दूसरी ओर नशे के आदी लोगों के उपचार की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कार्य करता है। जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि कुछ बच्चे फेविकोल, तरल इरेजर, पेट्रोल की गंध और स्वाद से आकर्षित होते हैं। कई बार कम आयु के बच्चे आयोडेक्स, वोलिनी जैसी दवाओं को सूंघकर इस के नशे के आदी हो जाते हैं। कुछ मामलों में इन्हें ब्रेड पर लगाकर खाने के भी उदाहरण देखे गए हैं। मनचंदा ने बताया कि नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण हेतु संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 को प्रस्ताव संख्या 42ः112 पारित कर हर वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा व मादक पदार्थ निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया था। यह एक तरफ लोगों में चेतना फैलाता है वहीं दूसरी ओर नशे के आदी लोगों के उपचार की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कार्य करता है।अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर मादक पदार्थ एवं अपराध से मुकाबले के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का कार्यालय यू एन ओ डी सी एक नारा देता है। इस अवसर पर मादक पदार्थों से मुकाबले के लिए विभिन्न देशों द्वारा उठाए गए कदमों तथा इस मार्ग में उत्पन्न चुनौतियों और उनके निवारण का उल्लेख किया जाता है। प्राचार्य मनचन्दा ने बताया कि नशे की लत ने व्यक्ति को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है, वह नशे के लिए कर सकता है। नशे के मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं है। महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा और प्राध्यापिका गीता ने राधा गुप्ता, रिया, अर्चना और खुशी सहित अन्य छात्र छात्राओं ने द्वारा नशा निवारण पर बनाई गई पेटिंग को सर्वोत्कृष्ट घोषित किया।

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