चोरी ऊपर से सीनाजोरी कर रहा है लोक सेवा आयोग
प्रदेश युवाओं के साथ भर्ती परीक्षा के नाम पर भद्दा मजाक कर रही राज्य सरकार
देहरादून, 06 मार्च। आज उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता करते हुये उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने विगत दिवस हुई कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्रों में पायी गयी गम्भीर त्रुटियों पर सरकार और आयोग पर तीखा हमला बोला।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बार-बार प्रदेश युवाओं के साथ भर्ती परीक्षा के नाम पर भद्दा मजाक कर रही है। जब धामी ने सत्ता संभाली तो प्रदेश के युवाओं को युवा मुख्यमंत्री से भारी अपेक्षाएं थी। युवाओं को लगा कि वह बेरोजगारी से उन्हें मुक्ति दिलाएगें। परंतु पिछले एक साल में जितनी भी भर्ती परीक्षाएं हुयी उनमें युवाओं के साथ छल के अलावा कुछ नही हुआ। वालिया ने सिलसिले वार गिनाते हुए कहा कि उत्तराखंड पुलिस, पटवारी-लेखपाल, वन क्षेत्राधिकारी (फाॅरेस्ट गार्ड भर्ती), आरओ, एआरओ, , पीसीएस जे, प्रवक्ता एई, लोअर पीसीएस, अपर पीसीएस, जूनियर इंजीनियर की परीक्षाएं दे चुके युवा अभी भी बेरोजगार भटक रहे हैं, और किसी को भी नियुक्ति नहीं मिली है। जो सरकार युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया न करा पाये उसे सत्ता पर रहने का कोई अधिकार नही।
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने कहा कि कुछ ही दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक सभा में यह घोषणा की थी की कैलेंडर द्वारा जारी सभी भर्ती परीक्षाएं एक बार सम्पन्न हो जाए तो वह सीबीआई जांच की संस्तुति करेंगे परंतु हम मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहते हैं कि वह जनता को विपक्ष को और युवाओं को अपनी बातों में घुमाने के बजाय सीधे बताएं कि कारवां लुटा कैसे? दसौनी ने कहा कि आज आपके सामने दुख हो रहा है यह बताते हुए कि बीते रोज यानी 5 मार्च 2023 को कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई और अब वो भी गंभीर त्रुटियों के चलते सवालों के घेरे में है। सवाल ये है की ऐसा क्यों है कि हमारी सरकार एक भी भर्ती परीक्षा पारदर्शिता से नहीं करा पा रही हैं। दसौनी ने कहा कि क्या यह नैतिकता का पतन है? सत्ता का अहंकार या प्रदेश भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ चुका है। दसौनी ने कहा कि बर्बाद गुलिस्तां को करने बस एक ही भ्रष्टाचारी काफी था यहां तो हर शाख पे भ्रष्टाचारी बैठा है अंजामे उत्तराखण्ड क्या होगा? दसौनी ने कहा कि सवाल ये भी उठता है की क्या आयोग में बैठे हुए अधिकारी कर्मचारियों की खालें इतनी मोटी हो चुकी हैं कि उन्हें युवाओं के सड़क पर उतरने, लाठियां खाने और लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड करने में आयोग की रूह तक नही कांप रही है। दसौनी ने कडा हमला बोलते हुए कहा कि शासन और आयोग में बैठे हुए लोगों में कोई जमीर नाम की चीज नहीं बची है। दसौनी ने कहा कि प्रदेश में जो कुछ भी चल रहा है चाहे वो भर्ती परीक्षाओं से सम्बन्धित हो या फिर गिरती कानून व्यवस्था से उसका डेबिट या क्रेडिट तो मुख्यमंत्री के ही खाते में गिना जाएगा। दसौनी ने जानकारी देते हुए कहा कि कल की परीक्षा में अभ्यर्थियों को परिपाटी के अनुसार 4 सेट उपलब्ध कराये गए यानी एबीसीडी परन्तु हतप्रभ करने वाली बात यह है कि चार के चार सेट में प्रश्न 1 से लेकर 100 तक कोई भिन्नता नहीं थी और तो और उनके क्रमांक संख्या में भी कोई फेरबदल नहीं था। कुछ अभ्यर्थियों ने पहले से सील खोले जाने की शिकायत भी कि है उनका कहना था कि शील जिस स्थान पर थी उसको बड़ी सफाई से खोला गया और उसकी जगह पर नए स्थान पर सील लगा दी गई।