जोशीमठ त्रासदी में सरकार और प्रशासन के आ रहे हैं विरोधाभाषी बयान : करन माहरा
माहरा ने सरकार पर अरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार जोशीमठ के प्रति कतई गम्भीर नही है।
देहरादून। जोशीमठ भू-धसाव प्रकरण पर राज्य सरकार के सुस्त रवैये पर उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य के नेताओं और अधिकारियों के मुआवजा राशि को लेकर अलग-अलग बयानों की निंदा की है।
माहरा ने कहा कि इस आपदा के समय पर भी राज्य सरकार गम्भीर नही दिखाई दे रही है। शासन में नेताओं और अधिकारियों के बीच कोई समन्वय दिखाई नही पड़ता। माहरा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री धामी बाजार दर पर मुआवजे देने की बात कर रहे हैं, परन्तु मुआवजे की दर कितनी होगी इसकी तस्वीर साफ नही कर रहे हैं। वहीं राज्य सरकार की ओर से स्थानीय जनता से बातचीत करने के लिए जिस अधिकारी को अधिकृत किया गया उनकी प्रभावितों के साथ वार्ता विफल बताई जा रही है। राज्य सरकार की ओर से आ रहे इन्ही विरोधाभाषी बयानों के चलते प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री आवास कूच स्थगित करने का निर्णय लिया है। साथ ही साथ उन्होंने घोषणा की है कि कंाग्रेस की स्थानीय नेतृत्व पूर्व काबीना मंत्री एवं बद्रीनाथ से विधायक राजेन्द्र भण्डारी तथा पौडी लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे वरिष्ठ नेता मनीष खण्डूरी से वार्ता चल रही है। दोनों ही नेताओं को प्रदेश कंाग्रेस कमेटी द्वारा अधिकृत किया गया है कि वह प्रसिद्ध पर्यावरणविदों एवं भू-वैज्ञानिकों से विचार विमर्श करके रिपोर्ट व संस्तुति प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगें। इसके साथ ही स्थानीय जनता की मांगों और अपेक्षाओं को टटोला जा रहा है। तदोपरान्त ही उत्तराखंड कांग्रेस यह निर्णय लेगी कि जोशीमठ मामले में पार्टी का अगला कदम क्या होगा। माहरा ने सरकार पर अरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार जोशीमठ के प्रति कतई गम्भीर नही है। मुख्यमंत्री धामी को भी मजबूरन जोशीमठ रात्रि प्रवास पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सुझाव एवं दबाव के बाद जाना पडा परन्तु यह विडम्बना ही कही जा सकती है कि सरकार के एक भी मंत्री ने अभी तक जोशीमठ में कैम्प नही किया है। मंत्री सैर सपाटा करने में व्यस्त हैं, सिर्फ हवाई दौरे कर जोशीमठ से देहरादून 2घंटे में वापस आ रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भटट जिन पर बद्रीनाथ विधानसभा का दो बार प्रतिनिधित्व करने के बावजूद क्षेत्र की अनदेखी का आरोप है जिसके चलते आज जोशीमठ के यह हालात है वह केवल खाना पूर्ती करने जोशीमठ गये जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें स्थानीय जनता का जबरदस्त विरोध व आक्रोश झेलना पडा।
माहरा ने मांग की है प्रदेश सरकार को बद्रीनाथ की तर्ज पर 76लाख रूपये प्रति नाली जमीन का भुगतान प्रभावितों को करना चाहिए। उसी प्रकार आवासीय परिसरों का भी बाजार दर से मुल्यांकन कर प्रभावितों को भुगतान करना चाहिए। माहरा ने कहा कि जिस तरह खबरें सामने आ रही हैं उससे यही प्रतीत हो रहा है कि जोशीमठ मामले में सरकार और प्रशासन मे ंतालमेल नही है और स्थानीय जनता एवं विपक्ष की ऑखों में धूल झोंकी जा रही है।