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पीडिता के परिजनों को न्याय मिल सके इसके लिए जरूरी है मामले की सीबीआई जांचः करन माहरा

वीआईपी के नाम का खुलासा करने की बजाय उसके बचाव का षडयंत्र कर जनता को गुमराह कर आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है।

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य पुलिस प्रशासन पर भाजपा की राज्य सरकार के दबाव में अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड में वीआईपी चेहरे का बचाव कर जनता की आंख में धूल झोंकने का आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दबाव में पुलिस एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाई है तथा वीआईपी के नाम का खुलासा करने की बजाय उसके बचाव का षडयंत्र कर जनता को गुमराह कर आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव में किस वीआईपी चेहरे का बचाव किया जा रहा है इसका खुलासा होना चाहिए। प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि अंकिता भण्डारी हत्याकांड में भाजपा सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन द्वारा पहले दिन से ही लीपापोती का काम किया जा रहा है। भाजपा नेता से जुड़े होने के कारण पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखने में जानबूझकर देरी की गई। मामले को लटकाने के लिए नियमित पुलिस और राजस्व पुलिस के बीच मामले को उलझाने का काम किया गया। हत्याकाण्ड के एक सप्ताह तक भी दोषियों की गिरफतारी नहीं की गई और गिरफ्तारी के बाद दोषियों की कई दिन तक पुलिस रिमांड भी नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि हत्याकाण्ड के सबूत मिटाने की नीयत से रिसार्ट में तोड़फोड व आगजनी करवाना, पीडिता के विस्तर को स्वीमिंग पूल में डालना, पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा पहले तोड़फोड की अनुमति से इंनकार करना तथा बाद में किसके दबाव में अपना बयान बदलना पुलिस जांच पर सवाल खडे करते हैं। करन माहरा ने कहा कि पुलिस महानिदेशक द्वारा अंकिता भण्डारी के पिता के बीच हुई वार्ता को बिना सहमति के सार्वजनिक करना। पुलिस के आला अधिकारियों के बयान जिसमें उन्होंने कहा कि हत्याकाण्ड से जुडे तथ्यों की फारेंसिक जांच के लिए जरूरी सबूत जुटा लिये गये हैं तथा आग लगने और डोजर चलाने से जांच में कोई फर्क नहीं पड़ता है। अग्निकाण्ड और तोड़फोड़ में सारे सबूत नष्ट करने के उपरान्त घटना स्थल पर पुलिस टीम द्वारा सबूतों की खोज करना आपस में विरोधाभाषी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री द्वारा विधानसभा सदन को गुमराह करते हुए वीआईपी के बारे में दिया गया बयान हास्यास्पद ही नहीं जघन्य हत्याकाण्ड के इस मामले को सरकारी संरक्षण की ओर भी इशारा करता है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील एवं जघन्य हत्याकाण्ड में दो महीनों में चार्जशीट दाखिल होना जैसे कई अनसुलझे सवाल हैं जो प्रदेश की जनता के दिल में तीर की भांति चुभ रहे हैं जिसका कंाग्रेस पार्टी ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता सरकार से जवाब मांग रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में राज्य पुलिस की कार्य प्रणाली पहले दिन से ही संदिग्ध बनी हुई है तथा जनता को पुलिस से विश्वास उठ चुका है, इसलिए कांग्रेस पार्टी बारबार अंकिता भण्डारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग करती आ रही है। अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड मामले पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी तथा प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार पुलिस द्वारा सरकारी दबाव में पहले दिन से ही रवैया अपनाया गया है उससे न केवल राज्य में अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है अपितु राज्य में अपराध का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है तथा अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं कि राज्य में रोज नये-नये अपराध के मामले सामने आ रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड में अहम सुराग जिसके आधार पर मामला खुलने में मदद मिली उसी अपने वाट्सअप मैसेज में अंकिता भण्डारी ने जिस वीआईपी के नाम का उल्लेख किया है सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उस वीआईपी तथा स्पेशल सर्विस का क्या अर्थ है? उन्होंने कहा कि अंकिता भण्डारी हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि पीड़िता के परिवार को न्याय मिल सके।

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