रक्तदान शिविर में युवाओं ने बढ़चढ़कर लिया भाग
नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण भी होता है।
हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में मां गंगे ब्लड सेंटर हरिद्वार के संयुक्त तत्त्वावधान में 74वाँ एनसीसी (नेशनल कैडेड कॉर्प) दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। इस दौरान 254 युनिट रक्त एकत्रित हुए। जिसे माँ गंगे ब्लड सेंटर ने जरूरतमंदों के सहायतार्थ सुरक्षित रख लिया है। उल्लेखनीय है कि एनसीसी दिवस के अवसर पर रक्तदान करने वालों में छात्रों एवं बहिनों की संख्या भाइयों से अधिक थी। इससे पूर्व देसंविवि कुलपति श्री शरद पारधी एवं मां गंगे ब्लड सेंटर के निदेशक नरेन्द्र नेगी ने संयुक्त रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलन कर रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर अपने संदेश में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि रक्तदान जीवन बचाने वाला पुण्य कार्य है। रक्तदान से हार्ट अटैक, कोलेस्ट्रोल, एनीमिया जैसी अनेक रक्त संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है। रक्तदान से पेनक्रियाज और लीवर में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण भी होता है। इसलिए समय समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक शोध के अनुसार साठ प्रतिशत महिलाओं को विभिन्न अवसरों पर रक्त की जरुरत पड़ती है, जबकि पहले 5 से 10 प्रतिशत महिलाएँ ही रक्तदान करती थी। अब भाइयों के साथ बहिनों में भी जागरुकता आ रही है। माँ गंगे ब्लड सेंटर के निदेशक नरेन्द्र नेगी ने बताया कि देसंविवि में आयोजित शिविर में एकत्रित किये गये कुल युनिट में से 65 प्रतिशत रक्त बहिनों की हैं। इस दौरान कुलसचिव श्री बलदाऊ देवांगन, उप कुलसचिव डॉ. उमाकांत इंदौलिया, लेफ्टीनेंट पवन राजौरिया (एएनओ) आदि ने रक्तदान करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। सहारनपुर एयरफोर्स स्टेशन के सीनियर इंजीनियर मंजीत सिंह ने बताया कि श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या के संदेश के अनुसार आज गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंचा और यहाँ पहली बार ब्लड डोनेट किया है। मुझे खुशी है कि मेरा यह रक्त किसी जरूरतमंद लोगों के जीवन बचाने में काम आयेगा। इसी तरह के अनेक युवाओं ने अपना मंतव्य व्यक्त किया है। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के एनसीसी एवं एनएसएस के युवा, विद्यार्थी, अधिकारी, कर्मचारी सहित शांतिकुंज के स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया।