दो पर्वतारोहियों की तलाश में जुटी 55 लोगों की टीम
युवक के अध्यात्म की ओर आकर्षित होने व गुफा, कंदराओं मे होने की संभावना जताई रही है।
उत्तरकाशी। हिमस्खलन हादसे में लापता दो प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार) से तलाश शुुरू कर दी गई है। अभियान के लिए निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट भी घटना स्थल पहुंचे। करीब 55 लोगों की टीम अभियान में जुटी है। बीते चार अक्तूबर को द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स से जुड़े 29 सदस्य हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। हादसे के बाद 27 के शव बरामद किए गए जबकि नौसेना में नाविक विनय पंवार (उत्तराखंड) व लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट हादसे के 21 दिन बाद भी लापता हैं। दोनों की तलाश के लिए निम ने तकनीकी मदद लेते हुए बंगलूरू से ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडास मंगवाया था। निम के रजिस्टार विशाल रंजन ने बताया कि सर्च अभियान के लिए निम के प्रधानाचार्य कर्नल बिष्ट भी मौके पर पहुंचे हैं। वहीं गोमुख ट्रेक पर लापता युवक का छह दिन बाद भी पता नहीं चल पाया है। युवक गंगोत्री से गोमुख के लिए निकला था। युवक की तलाश में एसडीआरएफ, पुलिस व वन विभाग की टीम लगी हुई है। बीते 21 अक्तूबर को दिल्ली निवासी नवीन व अमन गंगोत्री से गोमुख के लिए निकले थे। दोनों गंगोत्री 20 अक्तूबर की शाम को पहुंचे थे। अमन गंगोत्री से करीब पांच किमी आगे जाने के बाद तबियत खराब होने पर लौट आया लेकिन नवीन गोमुख के लिए निकल गया और अब तक नहीं लौटा। गंगोत्री में नवीन का इंतजार कर रहे उसके साथी अमन ने बीते 23 अक्तूबर को वन विभाग को नवीन के नहीं लौटने की सूचना दी। अमन ने बताया कि 22 अक्तूबर तक उसने नवीन का इंतजार किया लेकिन वह नहीं लौटा। वन विभाग की सूचना पर बीते मंगलवार से पुलिस, एसडीआरएफ व वन विभाग की टीम नवीन की तलाश में जुटी हुई है। गोमुख ट्रेक से तपोवन तक सर्च अभियान चलाया गया है लेकिन युवक का पता नहीं चल पाया है। युवक के अध्यात्म की ओर आकर्षित होने व गुफा, कंदराओं मे होने की संभावना जताई रही है। थानाध्यक्ष हर्षिल दिलमोहन सिंह ने बताया कि युवक की तलाश में टीम जुटी हुई है। गुफाओं व कंदराओं में भी तलाश किया जा रहा है। एसडीआरएफ निरीक्षक जगदंबा प्रसाद ने बताया कि टीम ने तपोवन तक सर्च अभियान चलाया लेकिन नवीन का पता नहीं चला है।