उत्तराखंड समाचार

चुनावी घोषणाओं की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई राज्य सरकार : करन महारा

राज्य में हत्या, चोरी, डकैती, मासूमों से बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने आरोप लगाते हुये कहा की राज्य की भाजपा सरकार अपने 100 दिन के कार्यकाल में चुनावी घोषणाओं की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है और न ही अपने आगे के कार्यकाल की दिशा ही तय कर पाई है। राज्य सरकार के पास इस 100 दिन के कार्यकाल की कोई भी ऐसी उपलब्धि नहीं है जिस पर राज्य की जनता को गर्व हो। राज्य सरकार अपने 100 दिन के कार्यकाल में मात्र साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए काॅमन सिविल कोड का शिगूफा ही छोड पाई है। पिछले पांच साल के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने असफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये तथा वर्तमान कार्यकाल के 100 दिन के कार्यकाल में सरकार अभी तक अपने चुनावी घोषणाओं की दिशा भी तय नहीं कर पाई है। चुनावी घोषणा पत्र में किसानों, बेरोजगारों, श्रमिकों व व्यापारियों की बात करने वाली धामी सरकार इन वर्गों के विकास के लिए कोई भी नीति नहीं बना पाई है। राज्य में हत्या, चोरी, डकैती, मासूमों से बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। राज्य में पिछले दो माह में घटी इन घटनाओं नेे सरकार की लचर कानून व्यवस्था उजागर करने के साथ-साथ राज्य की अस्मिता पर भी चोट पहुंचाने का काम किया है। राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आमजन विषेशकर महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा ने कोरी घोषणायें तथा झूठ का सहारा लेकर जनता को भ्रमित करने का काम किया। भाजपा नेताओं ने चुनाव में प्रदेश की गरीब जनता, बेरोजगार नौजवानों, किसानों, व्यापारियों से जो वादे किये वे सब झूठ का पुलिंदा साबित हुए। भाजपा ने सत्ता में आते ही गरीब जनता को सस्तागल्ले के माध्यम से मिलने वाली राशन बन्द करने की नीयत से राशन कार्ड समाप्त करने की योजना बनाई है। राज्य में शिक्षित बेरोजगार नौजवानों की फौज बढती जा रही है तथा रोजगार की आस लगाये नौजवानों को भी सरकार के 100 दिन की कार्यप्रणाली से मायूसी ही हाथ लगी है। प्रदेश में चल रही चारधाम यात्रा को व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न कराने में भी राज्य सरकार पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। राज्य की जनता की आर्थिकी की रीड मानी जाने वाली चारधाम यात्रा तथा पर्यटन के प्रति राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है। यात्रा  के शुरूआती माह में ही लगभग 104 से अधिक तीर्थ यात्री अपनी जांन गंवा बैठे हैं जबकि पिछली यात्राओं में पूरे 6 माह में भी यह संख्या इतनी नहीं होती थी। अव्यवस्थाओं के चलते यात्रा मार्गों पर रोज घट रही हृदय विदारक दुर्घटनाओं से राज्य की पर्यटन छबि पर भी प्रभाव पडा है। भाजपा ने अपने चुनावी ऐजेण्डे में सडक, शिक्षा, पेयजल, चिकित्सा, रोजगार, कृषि, विकास का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा के सरकारी ऐजेंण्डे में शमशान, कब्रिस्तान, लाउड स्पीकर, बुल्डोजर तथा जातीय व साम्प्रदायिक नफरत फैलाना मात्र रह गया है।

 

 

 

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