भाजपा के लिए मुफीद रही है चम्पावत विधान सभा सीट, तीन बार भाजपा तो दो बार कांग्रेस जीती
राज्य स्थापना के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले विधान सभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस की जीत हुई थी।
चम्पावत : चम्पावत विधान सभा सीट भाजपा के लिए मुफीद रही है। अब तक हुए पांच चुनावों में तीन बार भाजपा ने और दो बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर सबसे कम वोटों से हारने और सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकार्ड भी भाजपा प्रत्याशियों के नाम है। वर्ष 2017 में भाजपा ने रिकार्ड तोड़ जीत हासिल की थी तो वर्ष 2002 में भाजपा प्रत्याशी महज 395 वोटों के अंतर से चुनाव हार गई थीं। राज्य स्थापना के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले विधान सभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस की जीत हुई थी। कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने भाजपा के मदन सिंह महराना को कड़े मुकाबले में महज 395 वोटों के अंतर से हराया था। इस सीट पर सबसे कम वोटों के अंतर से किसी प्रत्याशी के चुनाव हारने का रिकार्ड अभी भी बरकरार है।वर्ष 2007 में भाजपा की बीना महराना ने अपने पति मदन सिंह महराना की हार का बदला लेते हुए कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को 7,058 मतों के अंतर से पराजित किया था। वर्ष 2012 का विधान सभा चुनाव भाजपा के लिए काफी निराशा जनक रहा। तब पार्टी प्रत्याशी हेमा जोशी तीसरे स्थान पर खिसक गई थी.कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने सीधे मुकाबले में बसपा के मदन सिंह महर को 6953 मतों के अंतर से पराजित किया। वर्ष 2017 में भाजपा प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी विजयी रहे और उन्होंने कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को अब तक के रिकार्ड 17,360 मतों के अंतर से पराजित कर दिया। सबसे अधिक मतों से जीत का रिकार्ड अभी भी भाजपा के नाम बना हुआ है। वर्ष 2022 में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सीट पर कब्जा जमाया। भाजपा प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को 5304 मतों के अंतर से पराजित किया।2022 के विधान सभा चुनाव में भाजपा की जीत का अंतर 2017 के मुकाबले कम जरूर हुआ लेकिन जनता ने पार्टी पर अपना विश्वास बनाए रखा। अबकी बार होने वाले उपचुनाव में विपक्षी पार्टियों के प्रत्याशियों का मुकाबला सीधे मुख्यमंत्री से है। देखना यह है कि क्षेत्र की जनता भाजपा पर अपना विश्वास बनाए रखती है या कोई और विकल्प तलाश करती है।राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि मुकाबला मुख्यमंत्री से होने के कारण कांटे का मुकाबला देखने को नहीं मिलेगा। उप चुनाव में भी भाजपा जीती तो विधान सभा में उसका लगातार तीसरी बार जीत का नया रिकार्ड बनेगा।यहां 31 मई को होने वाले विधानसभा उपचुनाव में 151 बूथों में 96016 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 50057 और महिला मतदाताओं की संख्या 45959 है।