आदमखोर बाघ की दहशत से फतेहपुर के जंगल में एंट्री बैन, उल्लंघन पर होगा मुकदमा
वन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद लोग फतेहपुर के जंगल में पहुंच रहे थे।
हल्द्वानी : वन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद लोग फतेहपुर के जंगल में पहुंच रहे थे। कैमरा ट्रैप में आए सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। वहीं, मंगलवार सुबह वन विभाग ने 80 से ज्यादा वनकर्मियों की ड्यूटी लोगों को जंगल में जाने से रोकने के लिए लगा दी। 12 किमी के दायरे में आने वाले 14 रास्तों पर अलग-अलग टीम बनाकर इन्हें तैनात किया गया है। वनकर्मियों से उलझने वालों और चुपके से जंगल पहुंचने वालों के खिलाफ सीधा मुकदमा दर्ज करने के निर्देश मिले हैं।फतेहपुर रेंज का जंगल इंसानों के लिए खतरा साबित हो रहा है। तीन माह पांच दिन में यहां छह लोगों की जान जा चुकी है। पांच लोगों को बाघ ने मौत के घाट उतारा। जबकि एक की जान गुलदार ने ली थी। लगातार हो रही इन घटनाओं के बाद से वन विभाग बाघ को पकडऩे की कोशिशों में जुटा है। लोगों से जंगल न जाने की कई बार अपील करने के साथ आबादी क्षेत्र में मुनादी भी करवाई गई। काठगोदाम पुलिस भी इस काम में जुटी। उसके बावजूद लोग जंगल में प्रवेश कर रहे हैं।घास काटने, लकड़ी बटोरने से लेकर सुबह वाक के लिए जंगल को रास्ता नहीं छोड़ा जा रहा है। वन विभाग के ट्रैप कैमरों में मार्निंग वाक के चक्कर में जंगल पहुंचे कई लोगों की फोटो भी कैद हुई है। इसमें से अधिकांश उस जगह पहुंच थे। जहां दमुवाढूंगा की कुमाऊं कालोनी निवासी इंद्रा देवी को बाघ ने मारा था।जिसके बाद रामनगर डीएफओ सीएस जोशी ने रेंज अधिकारी को सात लोगों के खिलाफ जंगल में अनाधिकृत प्रवेश के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश भी दिए। वहीं, रेंजर केएल आर्य ने बताया कि मंगलवार सुबह से 14 रास्तों में वनकर्मियों की ड्यूटी भी लगा दी गई। इन्होंने कई लोगों को रोक वापस भी लौटाया। अगर किसी ने सरकारी काम में बाधा डाली तो उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।