उत्तराखंड समाचार

राजभवन में लगे मधुमक्खी के बक्सों से निकाला गया 30 किलोग्राम शहद

उत्तराखंड में शहद उत्पादन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए : राज्यपाल

देहरादून 30 मार्च। राजभवन में लगे मधुमक्खी के बक्सों से 30 किलोग्राम शहद निकाला गया। उल्लेखनीय है कि 20 दिन पूर्व भी वसंतोत्सव के अवसर पर राजभवन में रखे मधुमक्खी के इन  बक्सों से 40 किलोग्राम शहद निकाला गया था। राजभवन में मेलीफेरा प्रजाति की मधुमक्खियां रखी गई हैं। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में मधुमक्खी पालन में लगे उद्यान अधिकारी दीपक पुरोहित तथा कार्मिकों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में शहद उत्पादन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की पहल पर जनपद चमोली की विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में भी मधुमक्खी के बक्से लगाए जा रहे हैं। शीघ्र ही उद्यान विभाग की एक टीम राजभवन से इस कार्य के लिए फूलों की घाटी के लिए राज्यपाल द्वारा विधिवत रवाना की जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि फूलों की घाटी उत्तराखंड के लिए एक वरदान है। पर्यटन की दृष्टि से आकर्षण का केंद्र होने के साथ-साथ यहां पर मधुमक्खी पालन को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह तरह-तरह के फूलों तथा जैव विविधता से भरपूर क्षेत्र है। निश्चित ही यहां उत्पादित शहद का स्वाद तथा गुणवत्ता पूरे विश्व में सबसे अलग तथा उच्च श्रेणी की होगी है। वैली ऑफ फ्लावर ब्रांड के शहद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में श्रेष्ठ ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास करने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में सेवानिवृत्त सैनिकों को भी मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। राज्य के पर्वतीय जिलों विशेषकर सीमांत क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहो को भी इस कार्य से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौन पालन राज्य में किसानों की आमदनी दोगुना करने में सहायक सिद्ध होगा। कम कृषि भूमि तथा छोटी जोतो वाले पर्वतीय राज्य उत्तराखंड मे मधुमक्खी पालन आर्थिक समृद्धि का सबसे बड़ा माध्यम हो सकता है। छोटे किसानों तथा भूमिहीन लोगों के लिए मधुमक्खी पालन आमदनी का बेहतर जरिया हो सकता है। उद्यान विभाग द्वारा आम जनमानस विशेषकर युवाओं को मधुमक्खी पालन हेतु जागरूक तथा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

 

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button