विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
मानसिक रूप से अस्वस्थ अथवा मानसिक अशक्ता से ग्रस्त व्यक्ति कलंकित लोग नहीं है
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून प्राविधिक कार्यकर्ता सियावंद द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय लखन वाला नेवत विकास नगर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें नालसा की योजना के अनुसार मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं से सम्बन्धित जागरुकता की जानकारी दी गई। जिसमें उपस्थित सभी छात्र एवं छात्राओ को बताया कि मानसिक अशक्तताग्रस्त व्यक्ति और मानसिक बीमार व्यक्ति सामान्यतः अपनी मानसिक दशा की चुनौती के कारण सूचना का लाभकारी ढंग से उपयोग नहीं कर पाते। इसलिए उन्हें विधिक साक्षरता प्रदान नहीं की जा सकती जो उन्हें न्याय प्राप्त करने में सशक्त बनाये। इसलिए, विधिक सेवा संस्थानों को विधि के संबंध मेंओर उनकी क्षमताओं, आवश्यकताओं को, सामूहिकता के साथ-साथ वैयक्तिक आधार पर मूल्यांकन तथा परीक्षण करना चाहिए और ऐसी जरुरतों को विधिक सेवा देकर पूरा करना चाहिए मानसिक रूप से बीमार और मानसिक अशक्तता से ग्रस्त व्यक्ति सभी मानवीय अधिकार और मौलिक स्वतंत्रता के हकदार हैं -मानसिक रूप से बीमार और मानसिक अशक्तता से ग्रस्त व्यक्तियों को विधिक सेवाएं देते समय, विधिक सेवा संस्थान का यह मुख्य सरोकार होना चाहिए कि इन व्यक्तियों के मानवीय अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित एवं रक्षित किया जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि वह अपने मानवीय अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का पूर्ण और समान आनंद ले सके। मानसिक रूप से अस्वस्थ अथवा मानसिक अशक्ता से ग्रस्त व्यक्ति कलंकित लोग नहीं है और उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा जैसा किसी अन्य व्यक्ति से, जिसे उसके हक के सभी अधिकारों को प्रवृत करने में सहायता मिलती है और जैसा कि उन्हें विधि द्वारा आश्वासित किया गया है विद्यालय में छात्रों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 तथा जिला विधि सेवा प्राधिकरण द्वारा मिलने वाल मुफ्त कानूनी सहायता की जानकारी दी गई है टोल फ्री नंबर 15100 की जानकारी दी गई।