उत्तराखंड समाचार

रामलीला का मंचन हमारे जीवन का मार्गदर्शन : विधानसभा अध्यक्ष

विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोद्वन में कहा की “रामलीला हमें न केवल धार्मिकता का पाठ पढ़ाती है

देहरादून 11 अक्टूबर। क्लेमेंटटाउन में श्री शिव रघुनाथ मंदिर में जय श्री रामलीला कमेटी क्लेमेंटटाउन द्वारा आयोजित तृतीय रामलीला का भव्य मंचन हुआ। इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने मुख्य अतिथि के रूप में पंहुचकर रामलीला मंचन का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “रामलीला का मंचन केवल एक सांस्कृतिक व धार्मीक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन का मार्गदर्शन करती है। रामायण के पात्रों के माध्यम से हमें सिखाया जाता है कि किस प्रकार नैतिकता, सत्य और धर्म का पालन कर मनुष्य मर्यादा पुरुषोत्तम बन सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोद्वन   में कहा की “रामलीला हमें न केवल धार्मिकता का पाठ पढ़ाती है, बल्कि यह हमारे समाज में सामूहिकता, प्रेम और सद्भावना का संदेश भी देती है। रामायण में निहित शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि सदियों पहले थीं। हमें अपने समाज में इस संदेश को प्रचारित -प्रसारित करने की आवश्यकता है।” विधानसभा अध्यक्ष खण्डूड़ी ने कहा, कि“आज की युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक करने के साथ ही रामायण के  पात्रों के जीवन से प्रेरणा लेने की सदैव आवश्यकता रही  है। रामलीला जैसे आयोजनों के माध्यम से हम समाज को एतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से जोड़ सकते हैं। यह हम सबका  कर्तव्य है , कि हम अपनी सांस्कृतिक,धार्मिक व पौराणिक  ग्रन्थों को संरक्षित करें और इसकी उपयोगिता को अगली पीढ़ी को स्थानान्तरित भी करें। श्रीमती खण्डूडी ने आयोजन के आयोजकों की सराहना की और कहा, “जय श्री रामलीला कमेटी का यह प्रयास सराहनीय है। आपकी मेहनत और समर्पण ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया है। मैं सभी से आग्रह करती हूँ कि वे इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लें और अपनी धार्मिक व सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहें।” इस दौरान महेश पांडे  कंचन ठाकुर अध्यक्ष रामलीला समिति राजेश मित्तल हर्षमानी जुयाल संतोष गोयल मनमोहन रावत मोहन जोशी मोहन जोशी मदन पोखरियाल विजय पाल जोय्ति प्रसाद कोठारी सतीश पंत रमेश भंडारी तुलसी गोयल जय सिंह गोयल मुकेश राठौर कृष्णा मोहन जोशी मनवर सिंह रावत उपस्थित थे।

 

 

 

 

 

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