उत्तराखंड समाचारधर्म

6 जून के दिन मनाई जाएगी शनि जयंती

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाई जाती है शनि जयंती

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की शनि जयंती के दिन शनि देव को प्रसन्न करने की आराधना की जाती है। इस दिन शनि देव से जुड़े कुछ उपाय करने से साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार शनि जयंती 6 जून 2024, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन शनि देव का जन्म हुआ था। शनि जयंती का दिन शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम होता है। इस दिन किए गए कुछ उपाय साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत दिलाते हैं।

शनि जयंती शनि मंदिर जाएं और उनके दर्शन करना चाहिए। इस दिन पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें। शनि चालीसा का पाठ करें या शनि देव के मंत्रों का जाप करें। इससे साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।

अगर आपकी कुंडली में शनि दोष से परेशान हैं तो शनि जयंती के दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं। इस दिन कौवों को खाना खिलाना भी शुभ माना जाता है। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।

मान्यता है कि हनुमान जी के भक्तों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते। ऐसे में शनि जयंती के दिन हनुमान जी को चमेली के तेल का दीपक दान करना चाहिए और सिंदूर का चोला चढ़ाना चाहिए।

शनि दोष से मुक्ति के लिए शनि जयंती के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इससे शनि देव जल्द प्रसन्न होकर भक्तों को अपना आशीर्वाद देते हैं।

शनि दोष से मुक्ति के लिए शनि जयंती के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इससे शनि देव जल्द प्रसन्न होकर भक्तों को अपना आशीर्वाद देते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

सूर्य ढलने के समय करे शनिदेव की पूजा : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

6 जून को मनाई जाएगी शनि जयंती : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की  इस साल शनि जयंती 6 जून, गुरुवार के दिन है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 6 जून 2024 को है और इस तारीख पर न्याय के देवता शनिदेव का जन्मदिवस मनाया जाएगा। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 05 जून की शाम को 07 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 6 जून को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगी। इस कारण शनि जयंती 6 जून को ही मनाई जाएगी।

शनि जयंती शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। शनि जयंती 6 जून को है, इसलिए आप किसी भी समय पर शनिदेव की पूजा कर सकते हैं। इससे शनिदेव की कृपा आप पर बनी रहती है लेकिन पौराणिक मान्यता है कि अगर सूर्य के ढलने के समय अगर शनिदेव की पूजा की जाए, तो शनिदेव की विशेष कृपा मिलती है। विशेषकर जो लोग शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैया से पीड़ित हैं, उन्हें शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए।

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद नीले या काले रंग के कपड़े पहन लें। शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल में काले तिल डालकर शनिदेव को अर्पित करें। इसके बाद शनिदेव के सामने दीपक जलाकर उनकी कृपा पाने के लिए प्रार्थना करें। शनि चालीसा का पाठ करके शनिदेव को प्रसाद चढ़ाएं।

 

 

 

 

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