उत्तराखंड समाचार

संविधान दिवस के अंतर्गत कार्यक्रम : संविधान की प्रस्तावना के महत्व को बतलाया।

42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा इसमें समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखंडता जैसे शब्दों को सम्मिलित किया गया।

फरीदाबाद। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार संविधान दिवस के उपलक्ष्य में गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और गाइडस द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आज संविधान की प्रस्तावना की सभी विद्यार्थियों और स्टाफ ने शपथ ली। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने कहा कि संविधान में प्रस्तावना में कहा गया है कि हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्त्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये तथा इसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिये तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता तथा अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिये दृढ़ संकल्पित होकर अपनी इस संविधान सभा में आज दिनांक 26 नवंबर 1949 को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि प्रस्तावना संविधान के परिचय अथवा भूमिका को कहते हैं भारतीय संविधान की प्रस्तावना पंडित नेहरू द्वारा प्रस्तुत किये गए उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है। 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा इसमें समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखंडता जैसे शब्दों को सम्मिलित किया गया। प्रस्तावना में उल्लेखित मुख्य शब्दों के अर्थ हम भारत के लोग – इसका तात्पर्य यह है कि भारत एक प्रजातांत्रिक देश है तथा भारत के लोग ही सर्वोच्च संप्रभु है अतः भारतीय जनता को जो अधिकार मिले हैं वही संविधान का आधार है अर्थात् दूसरे शब्दों में भारतीय संविधान भारतीय जनता को समर्पित है विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस, स्काउट्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि संविधान और संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। भारतीय संविधान में विश्व के अनेक संविधानों के श्रेष्ठ प्रावधानों को सम्मिलित किया गया है उदाहरण के लिए प्रस्तावना का विचार अमेरिका के संविधान से लिया गया है प्रस्तावना की भाषा को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया है प्रस्तावना का प्रारंभ हम भारत के लोग से शुरू करते है और 26 नवंबर 1949 अंगीकरण पर समाप्त होती है। 1976 में 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा प्रस्तावना में संशोधन किया गया था अब तक प्रस्तावना में यद्यपि एक ही बार संशोधन हुआ है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड सदस्यों ने एवम प्राध्यापक जितेंद्र गोगिया, प्राध्यापिका वर्ग, धर्मपाल शास्त्री, गीता का विशेष सहयोग रहा। प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि बालिकाओं ने संविधान में देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के निहित अधिकारों का वर्णन किया। प्राचार्य मनचंदा ने संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सहयोग के लिए सभी अध्यापकों का आभार व्यक्त किया।

 

 

 

 

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