देहरादून। रजिस्ट्रार ऑफिस में गड़बड़ी के मामले में एसआईटी टीम द्वारा रात दिन कड़ी मेहनत व अथक प्रयासों से मुखबिरों की सहायता से क्रॉस रोड मॉल के बाहर से वांछित अभियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी को पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया। इस मामले में अब तक नौ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
पुलिस उमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दलीप सिह कुँवर ने आज दोपहर 2:30 बजे पुलिस कार्यालय मे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस मे बताया की विगत 15 जुलाई 2023 को संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून व जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट बाबत अज्ञात अभियुक्तगणों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम द्वितीय जनपद देहरादून में भिन्न-भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दों के क्रमश: (विलेख सं. 2719/2720 वर्ष 1972, विलेख सं. 3193, विलेख सं. 3192, विलेख सं. 545 वर्ष 1969 विलेख सं.10802/10803) के साथ छेड़छाड़ कर अभिलेखो की कूटरचना करना के सम्बन्ध में दी गयी। तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून पर मुकदमा अपराध सख्या 281/2023 धारा 420/120बी/467/468/47 भादवि बनाम अज्ञात अभियुक्तगण पंजीकृत किया। गया। पुलिस उमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा उक्त प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 50 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की तथा पूछताछ में कुछ प्रॉपर्टी डीलर के नाम प्रकाश में आये। जिनसे गहन पूछताछ में उक्त फर्जीवाड़े में कई लोगों के नाम प्रकाश में आये। गठित टीम द्वारा कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया। जिसमें करोड़ो रुपयों का लेन-देन होना पाया गया। इन लोगो द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाड़े का होना भी पाया गया।
उक्त मुकदमे में पूर्व में ही अभियुक्त गण मक्खन सिंह, सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल व रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द, अधिवक्ता इमरान अहमद, रोहताश सिंह, राजस्व अभिलेखागार में नियुक्त विकास पाण्डे, रिकॉर्ड रूम में नियुक्त अजय सिंह क्षेत्री को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरूद्ध है। इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आये थे, जिनकी तलाश में गठित टीम द्वारा लगातार दबिशें, पतारसी-सुरागरसी कर रही है।
पर्यात साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश में आये अभियुक्तगणों के सम्भावित ठिकानों पर गठित टीम द्वारा बराबर दबिशे दी जा रही है। एसआईटी टीम द्वारा रात दिन कड़ी मेहनत व अथक प्रयासों से मुखबिरों की सहायता से क्रॉस रोड मॉल के बाहर से वांछित अभियुक्त कमल बिरमानी पुत्र स्व. हरीश चन्द्र बिरमानी निवासी 43ए ईदगाह देहरादून को पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त से पूछताछ में यह बात प्रकाश में आयी कि अभियुक्त सहारनपुर निवासी केपी सिंह (कंवर पाल) को काफी सालों से जानता था। केपी इनके पास डालनवाला की एक प्रॉपर्टी का केस लेकर आया था, जिसमें अभियुक्त ने केपी की काफी मदद की थी। उसके पश्चात केपी ने इनको सहारनपुर में कुछ जमीनो के पुरानी रजिस्ट्री बनवाकर अपने व अपने जानने वालों के नाम चढ़ाकर करोड़ो रूपये कमाने की बाते बतायी थी तथा केपी द्वारा देहरादून में भी पुरानी व विवादित जमीनो पर इसी तरह काम करने के लिए इनसे सलाह मांगी गयी थी। रूपयों के लालच में आकर अभियुक्त ने केपी को क्लेमनटाउन, पटेलनगर, रायपुर, नवादा, रैनापुर से सम्बन्धित जमींनो के बारे में बताया था तथा उन जमीनो की रजिस्ट्री का मैटर (ड्राफ्टिंग) भी बनाकर दिया था और अपने मुंशी रोहताश तथा वकील इमरान को केपी से मिलवाकर रजिस्ट्रार और तहसील में इनकी मदद करने के लिए बताया था। पुराने स्टाम्प पेपर और मुहरों की व्यवस्था केपी करता था तथा उसमें जो मैटर (ड्राफ्टिंग) लिखा जाता था वह अभियुक्त बिरमानी इनको बनाकर देता था। इसके बाद वकील इमरान और मुंशी रोहताश द्वारा रजिस्ट्रार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में अजय क्षेत्री, डालचन्द, विकास पाण्डे की सहायता से उन कागजो को रिकॉर्ड रूम में रख दिये जाते थे। इसके बाद अभियुक्त कमल बिरमानी द्वारा उनसे सम्बन्धित केसो की पैरवी अपने स्तर से करवाकर राजस्व रिकॉर्ड रूम में नाम दर्ज करा दिया जाता था। अभियुक्त की पूछताछ में कई अन्य अभियुक्तों के नाम भी प्रकाश में आये है जिनके सम्बन्ध में एसआईटी टीम द्वारा गहन जाँच एवं साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है। गठित एसआईटी टीम द्वारा अब तक इस रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कुल 09 अभियुक्तों की गिरफ्तार किया गया है तथा अन्य प्रकाश में आये अभियुक्तों के विरूद्ध साक्ष्य संकलन एवं बराबर दबिशें दी जा रही है।