उत्साह पूर्वक मनाया जसा सिंह रामगढ़िया का 300साला जन्म शताब्दी दिवस
आपने 80 वर्ष की आयु में 20 अप्रैल 1803 को अपनी संसारिक यात्रा सम्पूर्ण की
देहरादून। रामगढ़िया सभा के तत्ववाधान में महाराजा स. जसा सिंह रामगढ़िया का 300 साला जन्म शताब्दी दिवस पूर्ण उत्साह एवं श्रद्धा पूर्वक कथा – कीर्तन के रूप में मनाया गया। रामगढ़िया भवन, पटेल नगर में आयोजित कार्यक्रम में प्रात: श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग के पश्चात काका मनप्रीत सिंह ने शब्द “गुरसिखा की हरि धुड देह हम पापी वी गत पाहे ” एवं भाई दविंदर सिंह ने शब्द ” तिन धन जने दी माओ आये सफल से ” का गायन किया। गु. पटेल नगर के हेड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने महाराजा जसा सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सिख कोम के महान जरनैल एवं रामगढ़िया मिसल के बानी स. जसा सिंह रामगढ़िया का जन्म 5 मई 1723 ई. को लाहौर जिले के इचो गिल गांव में ज्ञानी स. भगवान सिंह के घर हुआ था। इनके दादा स. हरदास सिंह ने श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी से अमृतपान किया था एवं बंदा बहादऱ की मुगलों के साथ हुई लडाईयों में भाग लिया था। स. जसा सिंह रामगढ़िया सिख कोम के वह जरनैल थे, जिन्होंने सिखो की बिखरी हुई ताकत को एक जुट करके सिख कोम में जोश भर के पंजाब एवं दिल्ली की धरती पर खालसाई झंडे झूला कर अपनी सिख राज्य की नींव स्थापित की। स. जसा सिंह रामगढ़िया की अगुआई में सिखों ने जाल्मों को दिन में तारे दिखा दिये थे। दिल्ली से लाया हुआ “शाही तख्ते ताऊस “श्री हरिमंदर साहिब, अमृतसर की परिक्रमा में स्थापित है। आपने 80 वर्ष की आयु में 20 अप्रैल 1803 को अपनी संसारिक यात्रा सम्पूर्ण की। भाई जरनेल सिंह ने शब्द ” गुरमुख पर उपकारी विरला आया “का गायन कर संगत को निहाल किया। मंच का संचालन करतार सिंह एवं सेवा सिंह मठारु ने किया। कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर छका। गुरु महाराज जी का आशीर्वाद लेने गु. श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह आदि कार्यक्रम में पहुंचे। इस अवसर पर सभा के प्रधान स. सुरजीत सिंह जुतले, उपाध्यक्ष परमजीत सिंह कुंदी, महासचिव सेवा सिंह मठारु, कोषाध्यक्ष रघुबीर सिंह, सचिव राजिंदर सिंह राजा, दिलबाग़ सिंह, करतार सिंह, गुरमीत सिंह मीता, लक्खा सिंह, बलदेव सिंह, मनजीत सिंह चान्ना, बलजीत सिंह बब्लु, गुरदियाल सिंह,हरप्रीत सिंह छाबड़ा, चरणजीत सिंह आदि ने सहयोग प्रदान किया।