राज्यपाल ने किया पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ
नवीन अनुसंधान पद्धति से दिव्यांगजनों के पुनर्वास व सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को उनकी कठिन स्थितियों से उबरना ही हमारे इस शोध एवं अनुसंधान का उद्देश्य होना चाहिए। हमारी यह जिम्मेदारी है कि दिव्यांगजन भी हमारी ही तरह स्वावलंबी एवं सुदृढ़ बनें और
देहरादून 25 फरवरी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून में उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित ‘‘विशेष शिक्षा विभाग और दिव्यांगता पुनर्वास के क्षेत्र में अनुसंधान पद्धति’’ विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे। भारतीय पुनर्वास परिषद के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह कार्यशाला नवीन अनुसंधान पद्धति से दिव्यांगजनों के पुनर्वास व सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को उनकी कठिन स्थितियों से उबरना ही हमारे इस शोध एवं अनुसंधान का उद्देश्य होना चाहिए। हमारी यह जिम्मेदारी है कि दिव्यांगजन भी हमारी ही तरह स्वावलंबी एवं सुदृढ़ बनें और उनकी प्रतिभा समाज के सामने उभर कर आएं। उन्हें प्लेटफॉर्म मिलें और उनकी कला व प्रतिभा को स्थान सम्मान मिलें। राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांगजनों की सुरक्षा और संरक्षण सम्बंधी चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता है। हमें विचार करना होगा कि अपने स्तर पर कैसे दिव्यांगजनों के जीवन में सुगमता और सरलता ला सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांगों के प्रति हमें अपनी सोच, विचार और धारणा बदलने की जरूरत है। दिव्यांगजन अपनी प्रतिभा और हुनर के बल पर समाज को बदलने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के पुनर्वास और उनकी भलाई के समाधान खोजने के प्रयास किये जाय। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यशाला दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण व पुनर्वास हेतु नवीन शोध अनुसंधान के द्वारा उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़कर भारत को विकसित व समावेशी देश बनाने में पूरे विश्व के लिए एक आदर्श स्थापित करेगी। राज्यपाल ने मुक्त विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कार्यशाला के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के बीएड विशेष शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित विभागीय कार्यशाला में 50 विद्यार्थियों को ब्रेल सिखाने एवं एम एड (विशेष शिक्षा) में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पूर्णतः दृष्टि बाधित दिव्यांग सुश्री काव्या बोहरा को सम्मानित किया। कार्यशाला में उपस्थित उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सरकार द्वारा उच्च शिक्षा में छात्रों के हितों को मध्यनजर कई गुणात्मक सुधार किये हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे नवीन प्रयासों की जानकारी दी। इस अवसर पर कुलपति मुक्त विश्वविद्यालय प्रो. ओ.पी.एस. नेगी ने कार्यशाला के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के निदेशक मनीष वर्मा, विश्वविद्यालय की शिक्षा शास्त्र विभाग के निदेशक प्रो. ए.के. नवीन, संयोजक सिद्धार्थ पोखरियाल सहित विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं और विभिन्न प्रांतों से आये प्रतिभागी उपस्थित रहे।