श्रद्धा पूर्वक मनाई गई फगण महीने की संग्राद
भाई शमशेर सिंह ने सरबत के भले के लिए अरदास की।
देहरादून, 13 फरवरी। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार देहरादून के तत्वावधान में फगण महीने की संग्राद कथा-कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। प्रात: नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई चरणजीत सिंह ने आसा दी वार का शब्द “परमेसरि दिता बनां।।दुख रोग का डेरा भंना।।” का गायन किया एवं सेवक परिवार के द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गये। हेड ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह ने महीने की कथा करते हुए कहा कि श्री गुरु अर्जन देव समझाते हैँ कि जो पिछले महीनो में इन्सान ने कर्म किया है इस महीने में उसका फल और गुण प्राप्त होता है, और प्रभु की प्राप्ति होती है, गुरमुखो की संगत करने से प्रभु के गुण गायन करने का अवसर मिलता है और जीवन में से बुराई खत्म होती है।। भाई सतवंत सिंह हजूरी रागी जत्थे ने शब्द ” जंमिआ पूतु भगतु गोविंद का,एवं, फलगुणि अंनद उपारजणा हरि सजण प्रगटे आइ ” का गायन कर संगत को निहाल किया। भाई शमशेर सिंह ने सरबत के भले के लिए अरदास की। आई हुई संगत को सरदार गुरबख्श सिंह राजन प्रधान एवं सरदार गुलज़ार सिंह महासचिव के द्वारा बाबा अजीत सिंह के जन्म दिवस की एवं सगराद की बधाई देते हुए मंगलकामना की, मंच का संचालन करते हुए सरदार दविंदर सिंह भसीन ने कहा कि हम सभी को ऐसे ही हर रोज गुरु साहिब जी के दर्शन करने पहुंचना चाहिए ताकि गुरु जी की शिक्षा को पढ़ कर अपने जीवन में अपना सकें, और हमारा हर दिन अच्छा व्यतीत हो। कार्यक्रम के पश्चात संगत ने लंगर प्रशाद ग्रहण किया। इस अवसर पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, चरणजीत सिंह चन्नी, मंजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह जोली, अमरजीत सिंह छाबड़ा, सतनाम सिंह, दविंदर सिंह भसीन, राजिंदर सिंह राजा, दविंदर सिंह सहदेव, अरविन्दर सिंह, अवीनाश सिंह आदि उपस्थित थे।