दूसरे दिन भी जारी रहा बर्खास्त कर्मचारियों का धरना
उत्तराखंड क्रांति दल ने दिया धरने को समर्थन
देहरादून 20 दिसंबर। उत्तराखंड विधानसभा से 2016 के बाद के भर्ती कर्मचारियों की बर्खास्त किये जाने पर कर्मचारियों का विधानसभा के सामने धरना दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसे उत्तराखंड क्रांति दल समर्थन दिया गया। इस अवसर पर दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने स्पष्ट कहा कि विधानसभा मे 2016 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों कि बर्खास्ती सरकार व विधानसभा अध्यक्ष का विवेकहीन निर्णय हैं। श्री ऐरी ने कहा कि जब राज्य निर्माण से लेकर 2021 तक एक ही पैटर्न से विधानसभा मे भर्ती हुई हैं फिर किस प्रकार से 2016 के बाद के कर्मचारियों को ही नौकरी से हटाया गया हैं, जो कि नौजवानों के साथ धोखा हैं। बर्खास्त कर्मचारी किसी न किसी के द्वारा अनुमोदित होकर नौकरी मे लगे हैं उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की हैं। यह सबसे बड़ा सवाल हैं और दल सरकार से पूछना चाहता हैं कि सिफारिश करने वाले नेताओं पर भी अविलम्ब कार्यवाही कि जाय। इस अवसर पर दल के उपाध्यक्ष सुनील ध्यानी ने कहाँ कि भेदभाव पूर्ण के इस रवैये को बर्दास्त नहीं किया जायेगा। एक सामान नियम सभी के लिए बराबर होना चाहिए। डीके कोटिया समिति कि जाँच मे अभी तक की सभी भर्तियां नियमानुसार न होना बताया गया। ऐसी स्थिति मे सभी को यानि राज्य निर्माण से अभी तक की विधानसभा भर्तियों को सरकार अविलब बर्खास्त करें। दल का स्पष्ट मानना हैं कि अभी तक कि सभी भर्तियों को रद्द करें या फिर 2016 के बाद भर्ती कर्मचारियों बहाल करें। इस अवसर पर आंदोलन कर रहे बर्खास्त कर्मचारियों के आंदोलन के समर्थन मे दल के प्रवक्ता अनुपम खत्री, राजेंद्र पंत, राजेंद्र गुसाईं, सुलोचना ईष्टवाल, उत्तरा पंत बहुगुणा, उमा, सरोज मेहर आदि उपस्थित रहे।