8 नवंबर को लगेगा चंद्र ग्रहण : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज
देव दीपावली के दिन लग रहा चंद्र ग्रहण : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज
देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुए बताया कि 8 नवंबर को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह कई मायनों में विशेष होगा। इससे पहले मई में इस साल चंद्र ग्रहण लगा था। सूर्य ग्रहण के चंद दिनों बाद चंद्र ग्रहण के कई मायने हैं। इस वर्ष पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को लगा था। अब दूसरी बार चंद्र ग्रहण मंगलवार 08 नवंबर 2022 को लगेगा। वर्ष 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में शाम 5.32 बजे प्रारंभ होगा और रात 7.27 बजे समाप्त होगा। यानी इस बार चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 95 मिनट होगी। पिछली बार 16 मई 2022 को जो पहला चंद्र ग्रहण लगा था वह प्रात: 8.59 बजे से प्रात: 10.23 बजे तक लगा था। कुल 1 घंटा 64 मिनट का चंद्र ग्रहण था। इस तरह देखा जाए तो इस बार 8 नवंबर 2022 को लगने वाला चंद्र ग्रहण पूर्व की तुलना में 31 मिनट अधिक का होगा। इस चंद्र ग्रहण की कई विशेषताएं होंगी। यह चंद्र ग्रहण साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद लग रहा है। यह देव दीपावली के दिन लग रहा है। यानी इस बार चंद्र ग्रहण के दिन ही कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन हिन्दू समुदाय के लोग भारत में देव दीपावली का त्योहार मनाते हैं। इसबार सूर्य ग्रहण भी दीपावली के दूसरे दिन लगा था, जिससे कई त्योहारों की तिथि बदल गई थी। अब इस चंद्र ग्रहण का क्या प्रभाव होगा, इसको लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं। हिन्दू शास्त्र और पंचांगों की मानें तो देव दीपावली के लिए अगर चंद्र ग्रहण लगता है तो यह तिथि काफी अहम हो जाती है। वैसे ग्रहण को हिन्दू समुदाय व शास्त्रों में अच्छा नहीं माना गया है। यही वजह है कि ग्रहण लगने के बाद लोग कई तरह के टोटके करते हैं। कोई भी शुभ कार्य इस अवधि में नहीं करते हैं। ऐसी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण लगने के करीब 9 घंटा पहले सूतक काल लग जाता है। इस सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए। पूजा-पाठ करना चाहिए। ग्रहण काल समाप्त होते ही स्नान अवश्य करना चाहिए। इस बार नवंबर 2022 में जो चंद्र ग्रहण लग रहा है, यह भारत, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका, एशिया के सभी द्वीपों, पूर्वी और दक्षिण यूरोप के देशों, आस्ट्रेलिया, पेसिफिक अटलांटिक और हिंद महासागर में लोग आसानी से देख सकते हैं। यदि आप चंद्र ग्रहण देखना चाहते हैं तो अपनी नंगी आंखों से नहीं देखें। इसके लिए जरूरी उपकरण जरूर धारण करें, वरना आंखें खराब हो सकती हैं। चूंकि चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दौरान खतरनाक किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं, सो इससे कई तरह के नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। इसी वजह से सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। धर्म शास्त्र भी अपने तरीके से शुभ कार्य नहीं करने की सलाह देते हैं।
8 नवंबर 2022 को चंद्र ग्रहण के दौरान हमें कोई भी मांगलिक कार्य अर्थात शुभ कार्य किसी सूरत में नहीं करना है। चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी परिस्थिति में हमें भगवान की प्रतिमाओं को अपने हाथों से नहीं छूना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान घर-आंगन में लगे तुलसी के पौधों को बिल्कुल नहीं छूना चाहिए। पत्तों को नहीं छूना चाहिए। चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण, जबतक समाप्त नहीं हो जाए भोजन नहीं करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर भोजन करना चाहिए। सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती को चाकू का इस्तेमाल किसी हाल में नहीं करना चाहिए। बच्चे पर इसका असर पड़ता है। घर बाहर नहीं निकलना चाहिए। चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण किसी भी व्यक्ति को कोई काम नहीं करना चाहिए। काम चाहे घरेलू हो या कार्यालय का। ग्रहण के समय भगवान शिव के मंत्रों का केवल उच्चारण करना चाहिए। इससे ग्रहण का कुप्रभाव नहीं पड़ता है।
चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के बारे में सभी धर्मों की अलग अलग मान्यताएं हैं। हर धर्म इस बारे में अपना तर्क देते नजर आते हैं। लेकिन हमारा विज्ञान इस बारे में बहुत ही सटिक बात कहता है। विज्ञान का तर्क विवेक सम्मत है। इसे स्कूलों में भी पढ़ाया जाता है। चंद्र ग्रहण के बारे में विज्ञान कहता है कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है, तो ऐसी स्थिति में चंद्र ग्रहण होता है। चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण महज एक खगोलीय घटनाएं हैं।