विधानसभा में 2000 के उपरान्त हुई सभी भर्तियों की हो सीबीआई जांच : नवीन जोशी
सीधे-सीधे विभागीय मंत्री और अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ रही है
देहरादून, 23 सितंबर। कांग्रेस महामंत्री नवीन जोशी ने उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 2016 के उपरान्त विधानसभा में हुई भर्तियों को निरस्त करने के निर्णय पर बयान जारी करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय कांग्रेस पार्टी द्वारा नियुक्तियों में लगाये गये भाई-भतीजावाद एवं धांधलियों के आरोपों की पुष्टि करता है।
विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को आधा-अधूरा बताते हुए प्रदेश कंाग्रेस महामंत्री नवीन जोशी ने कहा कि जिन लोगों के आदेशों से इस प्रकार की नियुक्तियां हुई हैं वे आज मंत्रिमण्डल में बैठे हुए हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 2016 ही क्यों राज्य गठन के उपरान्त हुई सभी भर्तियों की मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकारों पर केन्द्रीय जांच ऐजेंसियों के मामले में दोहरा मापदण्ड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ईडी और सीबीआई जैसी केन्द्रीय जांच ऐजेंसियों का दुरूपयोग केवल उन राज्यों में कर रही है जहां पर विपक्षी दलों की सरकारें हैं, जिन राज्यों में भाजपा की सरकारे हैं वहां भ्रष्टाचार साबित होने के बावजूद भी केन्द्र की भाजपा सरकार मौन साधे हुए है।
कंाग्रेस महामंत्री नवीन जोशी ने यह भी कहा कि राज्य की भाजपा सरकार उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुए भर्ती घोटाले के मामले में जांच के नाम पर भी लीपा-पोती कर रही है। तीन माह पूर्व हुए भर्ती घोटाले के खुलासे के बाद लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं परन्तु अभी तक सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है। उन्होंने कहा कि यही हाल सहकारिता विभाग में हुए भर्ती घोटाले का भी है जहां पर सीधे-सीधे विभागीय मंत्री और अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ रही है परन्तु सरकार अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों को बचाने का काम कर रही है। नवीन जोशी ने कहा कि विधानसभा में भर्ती घोटाले तथा सहकारिता में हुए भर्ती घोटालों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों जो अब भाजपा सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं, उनपर भी कार्रवाई की जानी चाहिए तथा उन्हें मंत्रिमण्डल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।