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उत्तराखंड समाचार

जन औषधि केन्द्र को सुचारू करने को लेकर उचित कार्यवाही करने के निर्देश

वहीं गुणवत्ता को लेकर स्पोर्टस और लैब के उपकरणों को सैन्ट्रलाइज प्लान के अनुसार क्रय करने के निर्देश दिए।

चमोली। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने आज स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के अन्तर्गत जिला योजना, राज्य व केन्द्र पोषित स्वीकृत योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इजा बोई कार्यक्रम के साथ-साथ अन्य योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। वहीं उन्होंने जनपद में डायबिटिक व हाइपरटेंशन के मरीजों की जानकारी उपलब्ध कराने व जन औषधि केन्द्र को सुचारू करने को लेकर उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला शिक्षाधिकारी को गोपेश्वर में मॉडल के रूप में एक स्कूल का चयन कर उसमें कीचन गार्डन विकसित करने और टीचर लंर्निग मैटीरियल की गाइडलाइन को साझा करने के निर्देश दिए। वहीं गुणवत्ता को लेकर स्पोर्टस और लैब के उपकरणों को सैन्ट्रलाइज प्लान के अनुसार क्रय करने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अभिषेक गुप्ता ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में जननी सुरक्षा योजना में 4973, इजा बोई योजना में 1254, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 85025, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम में 97, क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम में 339 लोगों को लाभान्वित किया गया है। बताया कि जनपद में 22 एम्बुलेंस हैं। जिसके माध्यम से 4488 मरीजों को सेवाएं दी गयी हैं। वहीं कर्णप्रयाग डायलसिस सेंटर में प्रति माह 15 मरीजों का डायलसिस किया जा रहा है। सीएमओ ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मातृ शिशु मृत्यु दर कम करने क लिए गर्भवती महिलाओं के लिए इजा बोई योजना चलायी जा रही है। जिसके तहत गर्भवती महिला को प्रसव उपरान्त 48 घण्टे चिकत्सालय में ठहरने पर 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिला शिक्षाधिकारी श्रीकांत पुरोहित ने बताया कि जिला योजना में अवमुक्त धनराशि 25.96 करोड़ व पीएम श्री में अवमुक्त धनराशि 3.28 करोड़ का शत प्रतिशत व्यय किया गया है। राज्य स्तर पर जनपद अपार आईडी बनाने में प्रथम स्थान पर है। अभी तक जनपद में 63778 अपार आई डी बनायी गयी है। वहीं राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 14 बच्चों की पहचान की गयी जिसमें 03 बच्चों को हार्ट संबंधी समस्या थी उनमें से दो स्वस्थ हो गये हैं और तीसरे का ग्राफिक इरा देहरादून में इलाज चल रहा है। वहीं एक बच्चे को पढने में दिक्कत थी जिसका आंखों का परीक्षण किया गया और चश्मा दिया गया। वहीं अन्य को छोटी मोटी दिक्कते थीं जिनका इलाज चल रहा है।

 

 

 

 

 

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