भारतीय नौसेना ने समुद्री एजेंसियों के साथ अपनी साझेदारी को और गहरा किया
हिंद महासागर जहाज (आईओएस) सागर, आईओआर देशों के साथ निरंतर सहयोग की दिशा में एक पहल है।

देहरादून, 25 मार्च। पिछले दस वर्षों में, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) की समुद्री एजेंसियों के साथ अपनी साझेदारी को और गहरा किया है, ताकि भारत सरकार के क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप समुद्री सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। भारतीय नौसेना संयुक्त नौसैनिक अभ्यास, समन्वित गश्त, सूचना साझाकरण, एचएडीआर प्रयास, क्षमता निर्माण और अन्य राजनयिक जुड़ाव जैसी कई पहलों पर आईओआर देशों की नौसेनाओं के साथ सहयोग कर रही है। सागर के दूसरे दशक में प्रवेश करने तथा माननीय प्रधानमंत्री द्वारा मार्च 2025 में मॉरीशस की अपनी यात्रा के दौरान क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति (महासागर) की घोषणा के साथ, भारतीय नौसेना आईओएस सागर और एआईकेवाईएमई की अपनी पहली पहल शुरू कर रही है, जिसका उद्देश्य भारतीय नौसेना के कद को हिंद महासागर क्षेत्र में ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ और ‘प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता’ के रूप में मजबूत करना है। हिंद महासागर जहाज (आईओएस) सागर, आईओआर देशों के साथ निरंतर सहयोग की दिशा में एक पहल है। एक भारतीय नौसेना जहाज (आईएनएस सुनयना) को भारत और नौ मित्र विदेशी देशों (कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका) के संयुक्त चालक दल के साथ दक्षिण-पश्चिम आईओआर में तैनात किया जा रहा है। जहाज को अप्रैल 2025 में एक महीने से अधिक समय के लिए तैनात करने की योजना है, और यह दार-एस-सलाम, नकाला, पोर्ट लुइस, पोर्ट विक्टोरिया और माले के बंदरगाहों पर रुकेगा तथा तंजानिया, मोजाम्बिक, मॉरीशस और सेशेल्स के विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) की संयुक्त निगरानी करेगा। एफएफसी के कार्मिक कोच्चि में विभिन्न नौसेना व्यावसायिक स्कूलों में दो सप्ताह का प्रशिक्षण लेंगे, जिसमें समुद्र में प्रशिक्षण भी शामिल है। एफएफसी कार्मिक होलशिप गतिविधियों, निगरानी और अपनी संबंधित शाखाओं/व्यापार से संबंधित अन्य कार्यक्रमों में शामिल होंगे। आईओएस सागर के प्रतिभागियों को तंजानिया के दार-एस-सलाम में अभ्यास AIKEYME के बंदरगाह चरण की गतिविधियों को देखने की भी योजना है। भारत और अफ्रीका समुद्री सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देते हैं और उन्होंने समुद्री सुरक्षा के खतरों जैसे कि समुद्री डकैती, तस्करी सहित अवैध गतिविधियों, अनियमित और अघोषित मछली पकड़ने से निपटने में सूचना और निगरानी के आदान-प्रदान के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। अफ्रीकी देशों के साथ बड़े पैमाने पर बहुपक्षीय समुद्री जुड़ाव अभ्यास, जिसे ‘अफ्रीका इंडिया की मैरीटाइम एंगेजमेंट’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसे ‘AIKEYME’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका संस्कृत में अर्थ है ‘एकता’, नौसेनाओं/समुद्री एजेंसियों के साथ अंतर-संचालन को बढ़ाने की दिशा में एक पहल है। अभ्यास के पहले संस्करण की मेजबानी भारतीय नौसेना और तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स (TPDF) द्वारा की जा रही है और इसे तंजानिया के दार-एस-सलाम में आयोजित किया जाएगा और इसका उद्घाटन अप्रैल 2025 के मध्य में माननीय आरएम श्री राजनाथ सिंह द्वारा किए जाने की योजना है। अभ्यास छह दिनों तक चलने की योजना है और इसमें सह-मेजबानों के अलावा कोमोरोस, जिबूती, इरिट्रिया, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका की भागीदारी शामिल है। अभ्यास के हार्बर चरण में पाइरेसी और सूचना साझा करने पर टेबलटॉप और कमांड पोस्ट अभ्यास के साथ-साथ सीमैनशिप और विजिट बोर्ड सर्च एंड सीजर (VBSS) पर प्रशिक्षण शामिल होगा। समुद्री चरण में सीमैनशिप इवोल्यूशन, सर्च एंड रेस्क्यू, VBSS, छोटे हथियारों की फायरिंग और हेलीकॉप्टर ऑपरेशन शामिल हैं।