मनुष्य के कल्याण के लिए होना चाहिए वैज्ञानिक शोध: बंसल
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ज्ञान और विज्ञान का बड़ा केंद्र रहा है
हरिद्वार: गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में विज्ञान महोत्सव ‘विज्ञानम सर्वत्र पूज्यते’ कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने कहा कि विज्ञान की भूमिका मानव कल्याण की है। विज्ञान के प्रयोग में यदि संवेदना शामिल न हो तो इसकी भूमिका नकारात्मक भी हो जाती है। कहा कि भारत ज्ञान-विज्ञान की भूमि रही है और भारत में विज्ञान की परंपरा प्राचीन काल से है। प्राचीन काल में ऋषि मुनि शास्त्र के साथ विज्ञान के भी जानकार थे। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक शोध मनुष्य के कल्याण के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ज्ञान और विज्ञान का बड़ा केंद्र रहा है।समारोह के विशिष्ट अतिथि पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि विज्ञान को विध्वंसकारी ताकतों से बचाया जाना चाहिए। विज्ञान की भूमिका मानवता के कल्याण में बहुत बड़ी है। भारत वैज्ञानिक चितन की परंपरा का देश है। उन्होने कहा कि वैज्ञानिक शोध प्रकृति की तरफ ले जाना होगा। उन्होंने हिमालय में जलवायु परिवर्तन के कारण पिघलते हुए हिमखंडों पर चिता जताई। पर्वतारोही पद्मश्री संतोष यादव ने कहा कि मनुष्य के लिए विज्ञान की शिक्षा अनिवार्य है। विज्ञान हमें सत्य की खोज के लिए उद्यम करने को प्रेरित करता है। अपने माउंट एवेरस्ट पर्वतारोहण के अनुभव साझा करते हुए कहा कि विज्ञान की समझ के कारण उनके पर्वतारोहण में आसानी रही है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी ने कहा कि वैदिक विज्ञान एक शाश्वत विज्ञान है। प्रो. जोशी ने कहा कि वैदिक विज्ञान को प्राण प्रतिष्ठत करने के लिए हमें पारंपरिक सीमाओं का अतिक्रमण करना होगा। उन्होंने ‘स्वर्णप्रासन्न’ चिकिस्त्सा विधि से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के प्रमाण की जानकारी प्रतिभागियों के साथ साझा की। गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि भारत के पास एक समृद्ध वैज्ञानिक चितन की ऋषि परंपरा रही है। भारतीय संस्कृति पर आधारित संस्थान में प्रतिभाओं को उन्नयन और विकास के लिए समुचित परिवेश मिलता है। गुरुकुल कांगड़ी इसका जीवंत उदाहरण है। स्वागत वक्तव्य प्रो. एलपी पुरोहित ने दिया। विज्ञानम सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम के स्थानीय समन्वयक डा. हेमवती नंदन ने सात दिनी विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रतिभागियों के साथ साझा की। इस अवसर पर डा. अजय मलिक, डा. सुयश भारद्वाज, डा. लोकेश जोशी, डा. शिव कुमार चौहान मौजूद हरे।