उत्तराखंड समाचारदेशधर्म

बदरीनाथ-केदारनाथ में हुई सीजन की पहली बर्फबारी

धाम में कड़ाके ठंड पड़ने लगी तो वहीं निचले क्षेत्रों में भी ठंड बढ़ने लगी।

देहरादून। बदरीनाथ-केदारनाथ में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। उच्च हिमालयी क्षेत्रों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ी तो यह नजारा देख श्रद्धालु झूम उठे। धाम में कड़ाके ठंड पड़ने लगी तो वहीं निचले क्षेत्रों में भी ठंड बढ़ने लगी। दूसरी तरफ लगातार बारिश से बदरीनाथ हाईवे पर मुश्किल बढ़ गई है।

देर रात हो रही बारिश के चलते बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम की की ऊंची चोटियों पर रविवार सुबह से बर्फबारी हुई। धाम में मौजूद श्रद्धालुओं को यह खूबसूरत नजारा देखने का अवसर पर भी मिल गया।

सीजन का पहला हिमपात होने के साथ ही निचले हिस्सों में ठंड होने लगी है। मौसम विभाग ने आज भी उत्तराखंड के चार जिलों देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में हल्की बौछारों के आसार हैं।

कर्णप्रयाग में लगातार बारिश जारी है। गौचर के आसपास कमेड़ा में मलबा आने से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे बाधित हो गया है। हाईवे के दोनों तरफ करीब 150 वाहनों की कतार लगी है। साथ ही कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर हरमनी, सिमलसैंण व बैनोली में मलबा और पत्थर आने से आवाजाही बाधित है। यहां भी दोनों तरफ कई वाहन फंसे हैं। हाईवे खोलने के लिए जेसीबी मशीनें भेजी जा रही हैं। वहीं, बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। चमोली जिले के पर्यटन स्थल वेदनी बुग्याल, औली बुग्याल, रूपकुंड, बगुवाबासा, ज्यूंरागली, पातरनचौंणियां, कैलवा विनायक में बर्फबारी जारी है। देवाल, थराली, ग्वालदम, मेलखेत, वांण, लोहाजंग, रामपुर, तोरती, झलिया, कुंवारी, सौरीगाड़, बेनीताल, नैनीसैंण, नौटी आदि गांवों में ठंड बढ़ गई है। दो दिनों से हो रही बारिश के कारण पूरे क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़कों पर मलबा आया है। पिंडर व कैल नदी का जल स्तर बढ़ गया है।  वहीं बागेश्वर के कुंवारी गांव में महीने से भूस्खलन जारी है। जिससे पिंडर नदी का पानी भी मटमैला हो गया है। कुंवारी क्षेत्र में पिछले साल भी करीब दो किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में भूस्खलन हुआ था। हालांकि यह गांव विस्थापित किया जा चुका है। देवाल क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता हेम मिश्रा ने बताया पिंडर में मिट्टी व गाद आने से जलीय जीवों के जीवन पर संकट बना है। पिंडर नदी में पाई जाने वाली महाशीर मछलियों के गलफड़ों में मिट्टी भरने से नदी किनारे दम तोड़ रही हैं।

 

 

 

 

युद्धस्तर पर होगा सड़कों का काम

मानसून सत्र में  तीन हजार से अधिक सड़कें और 93 पुल हुए क्षतिग्रस्त

देहरादून। चालू मानसून सत्र में हुई भारी बारिश ने प्रदेश की सड़कों की हालत बिगाड़कर रख दी है। इस दौरान तीन हजार से अधिक सड़कें और 93 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन पर करीब 554 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। सरकार ने सड़कों और पुलों को दुरुस्त करने के लिए पहले ही करीब 650 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था कर दी है। प्रदेश से मानसून के रुखसत होते ही सड़कों को चमकाने का काम युद्धस्तर पर किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 में सड़क सुरक्षा मद में 300 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया था। इसमें से कुछ पैसा जारी भी किया जा चुका है। इसके अलावा इसी मद में अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपये और मिल गए हैं। जबकि पीएमजीएसवाई की सड़कों के सुधार के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। अभी तक सड़क सुरक्षा मद में 4117.54 किमी लंबाई की सड़कों पर 56 कार्यों के लिए करीब 233.51 करोड़ रुपये शासन की ओर से जारी किए जा चुके हैं। अभी तक शासन-प्रशासन का पूरा जोर बंद सड़कों को खोलने पर था। लेकिन अब इन्हें दुरूस्त करने काम तेजी से किया जाएगा। कुछ कार्यों के लिए पहले से ही धन आवंटन किया जा चुका है। सड़कों को सुधारने के लिए शासन की ओर से जून माह में 15 कार्यों के लिए 22.39 करोड़ रुपये, जुलाई माह में 24 कार्यों के लिए 144.95 करोड़ रुपये और अगस्त माह में 17 कार्यों के लिए 66.17 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। अब स्वीकृत कार्यों में निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं। इस तरह से कुल 4117.54 किमी लंबाई की सड़कों के 56 कार्यों के लिए अब तक 233.51 करोड़ रुपये की मंजूरी शासन की ओर से दी जा चुकी है।

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता दीपक यादव का कहना हैं की बरसात के बाद सड़कों के सुधार का काम तेजी से किया जाएगा। धन की कोई कमी नहीं है। अब तक करीब 4117 किमी लंबाई की सड़कों में सुधार के लिए 233.51 करोड़ रुपये की मंजूरी शासन की ओर से मिल चुकी है। 5655.87 किमी लंबाई की सड़कों के 95 कामों के इस्टीमेट शासन को भेजे गए हैं, जिन्हें शीघ्र मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा पुलों के सुधार का कार्य भी किया जाएगा।

 

 

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button