वाली बाल कहानी संग्रह का विमोचन करती विधान सभा अध्यक्षा श्रीमती ऋतु खंडूड़ी भूषण।
देहरादून, 18 जून। उत्तराखंड की विधान सभा अध्यक्षा श्रीमती ऋतु खंडूड़ी भूषण के कर कमलों द्वारा अपने आवास पर डॉक्टर कुसुम रानी नैथानी ‘डॉ. के. रानी ‘ के बिनसर पब्लिकेशन से प्रकाशित गढ़वाली बाल कहानी संग्रह ‘दाना सयाणों का किस्सा’ व श्वेतवर्णा प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित हिन्दी बाल कहानी संग्रह ‘पिंकी बनी जासूस ‘का विमोचन किया गया। विधानसभा अध्यक्षा द्वारा ‘ दाना सयाणों का किस्सा’ व ‘पिंकी बनी जासूस ‘पुस्तक के प्रकाशन पर डॉ. नैथानी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। गढ़वाली भाषा में लिखी गई पुस्तक ‘दाना सयाणों का किस्सा’ की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा की बच्चों के लिए क्षेत्रीय भाषा में अच्छे साहित्य की जरूरत है। उम्मीद है कि भविष्य में भी वे बच्चों के लिए अपनी बोली भाषा में उत्कृष्ट साहित्य का प्रकाशन करती रहेंगी। इस पुस्तक में उत्तराखंड की तैंतीस लोक कथाएं शामिल हैं। ‘पिंकी बनी जासूस’ बाल कहानी संग्रह में बच्चों के लिए विभिन्न विषयों पर्यावरण, वन संरक्षण, अंधविश्वास निवारण एवं सामान्य जन जीवन से जुड़ी हुई तेईस कहानियां लिखी गई हैं। उनके द्वारा सरल भाषा में लिखी गई बाल कहानियों की माननीया विधानसभा अध्यक्षा महोदया द्वारा प्रशंसा की गई। गढ़वाली भाषा में ‘दाना सयाणों का किस्सा’ बाल कथाकारा डॉ० कुसुम रानी नैथानी का यह तीसरा व हिंदी में ‘पिंकी बनी जासूस ’ पांचवां बाल कहानी संग्रह है। इनके द्वारा अब तक हिंदी में सात सौ से अधिक बाल कहानियां , पांच बाल कहानी संग्रह हिंदी में , तीन गढ़वाली में तथा एक बाल उपन्यास हिंदी में प्रकाशित हो चुका है। शैलेश मटियानी उत्तराखंड राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार (2015), राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार(2016) एवं जिला प्रशासन देहरादून द्वारा कोरोना योद्धा सम्मान (2020) से सम्मानित भूतपूर्व प्रधानाचार्या डॉ. कुसुम रानी नैथानी बच्चों के लिए विगत पंद्रह वर्षों से पाक्षिक बाल समाचार पत्र ‘बालपक्ष’ का भी सफल संपादन कर रही हैं। उनके द्वारा लिखित कई कहानियां पुरस्कृत हो चुकी है।