उत्तराखंड समाचार

पितृ दिवस पर पेटिंग प्रतियोगिता आयोजित

गर्वनमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल एन आई तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस

फरीदाबाद। गर्वनमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल एन आई तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में पितृ दिवस पर ऑनलाइन पेटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जिस में बच्चों ने अपने अपने पिता के लिए पेंटिंग बना कर अपना प्यार और जुड़ाव प्रदर्शित किया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि जीवन में कभी किसी भी मोड़ पर आप कठिनाई में होते हैं तो पिता ही हैं जो सबसे पहले आप की सहायता को सामने आते है। समस्या चाहे जैसी भी हो पिता के पास हर समस्या का हल होता है। पिता के इस प्यार का कोई मोल नहीं चुकाया जा सकता। पिता को धन्यवाद कहने के लिए ही फादर्स डे मनाया जाता है। जून माह का तीसरा रविवार पिता को समर्पित है। हर वर्ष भारत सहित अन्य देशों में इस दिन पितृ दिवस मनाया जाता है और पिता के प्रति अपने सम्मान को प्रकट किया जाता है। जब हम अपनी संस्कृति के सन्दर्भ में देखते हैं तो मातृ दिवस के पूरक उत्सव के रूप में पिता दिवस दुनियाभर के पिताओं के सम्मान में मनाया जाता है। यह एक तरह से पितृत्व के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पिता होने तथा उनकी सत्ता को एक गौरव का विषय मानकर उनके लिए भोज, उत्सव एवं पारिवारिक गतिविधियां आयोजित की जाती है। इसके साथ ही अन्य रोचक बातें भी इस से संबंधित हैं। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि हमारे जीवन में हमारे पिता एक पेड़ की छांव की तरह होते हैं। जब भी चिलचिलाती धूप के रूप में परेशानियां हमें सताती हैं तब छांव बनकर हमारे पिता हमें राहत दिलाते हैं। वैसे तो पिता अपने बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा देखकर बहुत खुश होते हैं परंतु छोटी छोटी खुशियां भी पिता और बच्चे के रिश्ते को और गहरा बना देती हैं। पिता ना ही केवल हमारे पिता हैं बल्कि एक रोल मॉडल, दोस्त, रक्षक, गाइड और हीरो भी हैं। जैसे माएं हमें जीवन देती हैं वैसे ही हमारे पिता हमें जीवन जीना सिखाते हैं। वह हमें परेशानियों से बचाते भी हैं और उनसे लड़ना भी सिखाते हैं। पिता का महत्व मात्र कुछ शब्दों में बयान करना असंभव है लेकिन हम उनके प्रति अपना प्रेम, सम्मान और इज्जत अवश्य प्रकट कर सकते हैं। जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि मां का नाम सुनकर भावनात्मक होकर आंखें नाम हो जाती हैं तो दूसरी ओर पिता का स्मरण होते ही गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है। क्योंकि एक पिता ही है जो सारा जीवन अपने बच्चों और परिवार के लिए मेहनत करता है, खून पसीना एक करके कमाई करता है ताकि उस के बच्चे और परिवार सुख से रह सके। कार्यक्रम की कॉर्डिनेटर प्राध्यापिका मोनिका, प्राध्यापिका शीतल और प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड सदस्य छात्राओं चंचल, मुस्कान, निशा, मुस्कान पांडे, मोनिका और हर्षिता सहित अन्य सदस्यों ने पेंटिंग बना कर पिता के प्रति आदर और वात्सल्य प्रकट किया।

 

 

 

 

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