उत्तराखंड समाचार

महानिदेशक ने की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा

स्वास्थ्य सूचना के लिए काम कर रही 104 हैल्प लाइन

देहरादून। उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर महानिदेशक डा० शैलजा भट्ट ने यात्रा मार्ग से सम्बन्धित जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की. डा० भट्ट ने बताया कि चारधाम चात्रा के महत्वपूर्ण धाम केदारनाथ मार्ग में 08 स्थायी चिकित्सालय तथा 14 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट बनाये गये हैं, गंगोत्री मार्ग में 10 स्थायी चिकित्सालय एवं 03 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट, बद्रीनाथ मार्ग पर 19 स्थायी चिकित्सालय तथा 02 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट एवं यमुनोत्री मार्ग पर 11 स्थायी चिकित्सालय एवं 04 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट कार्य कर रहे हैं। यमुनोत्री मार्ग पर 08 फर्स्ट मेडिकल रिस्पोन्डर इकाईयां भी उपलब्ध हैं। यात्रियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए 132 चिकित्सकों को विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया गया है और सभी को 24 x 7 मुश्तैद रहने के निर्देश दिये गये हैं। महानिदेशक ने बताया कि आकस्मिक उपचार एवं दुर्घटना / ट्रामा के दौरान रक्त की आवश्यकता को देखते हुए यात्रा मार्ग में 08 ब्लड बैंक तथा 04 ब्लड स्टोरेज यूनिट भी संचालित हो रही हैं। यात्रियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सूचना के लिए 104 हैल्प लाइन काम कर रही है जबकि 108 आपातकालीन सेवा की 102 एम्बुलेन्स तथा एडवान्स लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्स भी इस यात्रा के लिए प्रमुख एवं संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गयी हैं। चारधाम यात्रा के आरम्भिक दिनों में हुई 23 यात्रियों की आकस्मिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के कारणों के बारे में जानकारी देते हुए महानिदेशक ने कहा कि इनमें से कोई भी मृत्यु अस्पताल में नहीं हुई है और मृत्यु से पूर्व कोई भी हताहत यात्री चिकित्सालय पर उपचार हेतु नहीं लाया गया। सभी मृत्यु के सम्भावित कारणों में आकस्मिक हृदयघात हाईपरटेंशन, पूर्व में कोविड तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित होना पाया गया है। महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस बावत विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। महानिदेशक ने यह भी बताया की सचिव, चिकित्सा श्रीमती राधिका झा द्वारा भी यात्रा के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की गयी जिसमें एस.डी.आर.एफ. की टीम को मेडिकल टीम के साथ समन्वय करने के निर्देश दिये गये ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रियों को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button