भाजपा सरकार के मंत्री बिना तैयारी के सदन में पहुंचे : करन माहरा
विपक्षी दल के विधायकों के प्रश्नों का उत्तर देने में नाकाम रहे सरकार के मंत्री
देहरादून 15 मार्च। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने उत्तराखण्ड विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा सरकार के मंत्रियों की तैयारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री बिना तैयारी के सदन में पहुंचे हैं तथा विपक्षी दल के विधायकों के प्रश्नों का उत्तर देने में भी नाकाम रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री तथा लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी देख रहे श्री सतपाल महाराज द्वारा सदन में दिये गये प्रश्नों के उत्तर पर तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा सदन मे कांग्रेस विधायक विरेन्द्र कुमार द्वारा पूछे गये प्रश्न, कि लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों को गड्ढामुक्त करने की घोषणा के तहत अभी तक कितनी कि.मी. सड़कों को गड्ढा मुक्त किया गया है? लोक निर्माण मंत्री द्वारा दिये गये इस प्रश्न के उत्तर पर हैरानी व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कुल 659 मार्गों के 3086 कि.मी. लम्बाई को गड्ढा मुक्त करने की घोषणा के सापेक्ष विभाग द्वारा माह मार्च के दूसरे पखवाड़े तक मात्र 911 कि.मी. सड़को को गड्ढामुक्त करने की बात स्वीकारी गई है तथा विभागीय मंत्री द्वारा अपने उत्तर में माह मार्च के अन्त तक बाकी बची 2175 कि.मी. सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बात कही गई जो कि हास्यास्पद होने तथा विधानसभा सदन के साथ-साथ प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सदन में पूछे गये अन्य प्रश्न कि क्या सरकार की प्रदेश के सभी क्षतिग्रस्त मार्गों को गड्ढा मुक्त करने की योजना है, का भी विभागीय मंत्री द्वारा गोलमोल जवाब दिया जाना प्रत्यक्ष रूप से दर्शित करता है कि भाजपा सरकार में जनहित से जुडे मामलों के प्रति भाजपा सरकार कतई गम्भीर नहीं है तथा सरकार के मंत्री न केवल जनता अपितु सदन को भी गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री बिना तैयारी के सदन में पहुंचे हैं तथा वे विपक्षी दल के विधायकों के एक भी प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंाग्रेस पार्टी के विधायकों द्वारा जनहित के मद्दे सदन में उठाने पर उन्हें सदन से निलम्बित करने की घटना से भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा सरकार जनहित से जुड़े मामलों में जनप्रतिनिधियों के सवाले के जवाब देने से कतरा रही है।