उत्तराखंड समाचार

सराय गाइड्स ने मनाया चिंतन दिवस

1908 में ब्रिटेन में सर बेडेन पॉवेल द्वारा आरम्भ किया गया। धीरे धीरे यह आंदोलन हर एक सुसंगठित राष्ट्र में फैलने लगा जिसमे भारत भी सम्मिलित था

फरीदाबाद। गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में शिक्षा विभाग के आदेशानुसार प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में स्काउट्स गाइड्स द्वारा विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड के सहयोग से विश्व चिंतन दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। जे आर सी एवम एस जे ए बी अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बच्चों को बताया कि स्काउट एवं गाइड आंदोलन वर्ष 1908 में ब्रिटेन में सर बेडेन पॉवेल द्वारा आरम्भ किया गया। धीरे धीरे यह आंदोलन हर एक सुसंगठित राष्ट्र में फैलने लगा जिसमे भारत भी सम्मिलित था। भारत में स्काउटिंग 1909 में प्रारंभ हुआ तथा आगे चलकर भारत वर्ष 1938 में स्काउट आंदोलन के विश्व संगठन का सदस्य भी बना। गाइडिंग वर्ष 1911 में भारत में प्रारंभ हुआ और 1928 में स्थापित गर्ल गाइड्स तथा गर्ल स्काउट्स के विश्व संगठन में भारत ने एक संस्थापक सदस्य की भूमिका निभाई। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि लेडी ओलेव बेडेन पॉवेल जिन्होंने संगठन के पहले ग्लोबल हेड गाइड के रूप में कार्य किया था का जन्म 22 फरवरी के दिन हुआ था विश्व चिंतन दिवस लड़कियों को एक बड़े मंच पर अपने विचार रखने, वाद-प्रतिवाद करने और अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का अवसर देता है और चिंतन दिवस गर्ल स्काउट्स के मध्य सिस्टरहुड के महत्व पर प्रकाश डालने का दिवस है। भारत वासियों के लिए स्काउटिंग को न्यायाधीश विवियन बोस, पंडित मदन मोहन मालवीय, पंडित हृदयनाथ कुंजरू, गिरिजा शंकर बाजपेई, एनी बेसेंट तथा जॉर्ज अरुंडाले के प्रयासों से वर्ष 1913 में प्रारंभ हुआ। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि स्काउट्स एवं गाइड्स एक स्वयंसेवी, नान गवर्नमेंट शैक्षिक आंदोलन है जो प्रत्येक युवक को मानवता की सेवा करने का अवसर किसी भी प्रकार के रंग, मूल अथवा जाति भेद के प्रदान करता है। यह आंदोलन अपने लक्ष्यों, सिद्धांतों एवं विधियों के आधार पर कार्य करता है जिन्हें इसके संस्थापक लार्ड बेडेन पॉवेल द्वारा 1907 में स्थापित किया गया था। स्काउट यूनिफॉर्म के बारे में 1937 में विश्व जम्बूरी में बादेन् पॉवेल ने कहा था कि एक देश में सामाजिक प्रतिष्ठा को सभी मतभेदों को छुपाता है और समानता के लिए बनाता है और सभी को प्रतीत होता है कि वे एक महान भाईचारे के सदस्य हैं। मूल यूनिफॉर्म में व्यापक रूप से एक खाकी बटन अप शर्ट, शॉर्ट्स और एक व्यापक ब्ऱिमड टोपी सम्मिलित हैं बादेन् पॉवेल शॉर्ट्स पहना करते थे। प्राचार्य मनचन्दा ने बताया कि स्काउट और गाइड आंदोलन निम्न कुछ प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है पहला ईश्वर के प्रति कर्तव्य आध्यात्मिक नियमों का पालन करना, अपने धर्म के प्रति निष्ठावान रहना तथा अपने ईश्वर द्वारा प्रदत्त कर्तव्यों एवं ज़िम्मेदारियों को स्वीकार करना। दूसरा अन्य लोगों के प्रति कर्तव्य जिस में अपने राष्ट्र के प्रति निष्ठावान रहते हुए, स्थानीय, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति, समझ एवं आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करना। तीसरे में स्वयं के प्रति कर्तव्य अर्थात स्वयं के विकास के उत्तरदायित्व को निभाना। विद्यालय प्रबंधन और सभी अध्यापकों ने गाइड्स बालिकाओं को इस दिवस की बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अध्यापिका सोनिया, सुशीला एवम सभी स्टाफ सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button