उत्तराखंड समाचारधर्म

5 फरवरी को बन रहे 4 अति दुर्लभ योग : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

माघ माह पूर्णिमा तिथि आरंभ: 4 फरवरी रात्रि 09 :29 मिनट से : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की माघ पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में माघ मास में किए जाने वाले पवित्र स्नान और तपस्या की महिमा का वर्णन है। ऐसा माना जाता है कि माघ के महीने में हर एक दिन दान कार्य करने के लिए विशेष होता है। माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, माघ माह का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन है। लोग माघी पूर्णिमा पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम स्थल प्रयाग में पवित्र स्नान, दान, गाय और होम दान करने जैसे कुछ अनुष्ठान करते हैं। माघ के दौरान लोग पूरे महीने सुबह गंगा या यमुना में स्नान करते हैं। पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाला दैनिक स्नान माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए सभी दान कार्य आसानी से फलित होते हैं। इसलिए लोग अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान देते हैं। यह प्रयाग में गंगा नदी के तट पर लगाए गए एक महीने के तपस्या शिविर कल्पवास का भी अंतिम दिन है। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की माघ पूर्णिमा पर स्नान का शुभ मुहूर्त 5 फरवरी की सुबह 05.27 मिनट से 06.18 मिनट तक रहेगा। पंचांग के अनुसार इस वर्ष माघ पूर्णिमा तिथि 4 फरवरी की रात्रि 09.21 बजे से आरंभ होकर 5 फरवरी की रात 11.58 बजे समाप्त होगी। माघ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करना शुभ होता है। इस वर्ष शुभ योगों का बनने से महत्व बढ़ गया है। माघ पूर्णिमा पर 4 दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस साल आयुष्मान, सौभाग्य, रवि पुष्य और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इन शुभ योगों का संयोग बेहद शुभ है। इन योगों में देवी लक्ष्मी की पूजा और उपाय करने से पैसों की तंगी दूर हो सकती है। माघ पूर्णिमा की रात्रि अष्टलक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। देवी को अष्टगंध और 11 कमलगट्टे चढ़ाएं। खीर का भोग लगाएं। साथ ही कनकधारा स्त्रोत या श्रीसूक्त का पाठ करें। ऐसा करने मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
माघ माह के पूर्णिमा तिथि
माघ माह पूर्णिमा तिथि आरंभ: 4 फरवरी 2023 रात्रि 09 :29 मिनट से
माघ माह पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 फरवरी 2023 रात्रि 11: 58 मिनट तक
उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी।
आयुष्मान योग: सूर्योदय से दोपहर 02:41 मिनट तक
सौभाग्य योग: दोपहर 02: 41 मिनट से 6 फरवरी दोपहर 03: 25 मिनट तक।
माघी पूर्णिमा पूजा विधि
माघी पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
स्नान के बाद सूर्य मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
गरीब, जरूरतमंद और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए।
तिल और काले तिल को विशेष रूप से दान में देना चाहिए।
माघ मास में काले तिल से हवन करना चाहिए और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
गायत्री मंत्र या ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का लगातार 108 बार जप करना चाहिए।
माघी पूर्णिमा का महत्व :-
माघी पूर्णिमा का दिन ज्योतिष शास्त्र में भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना धार्मिक दृष्टि से। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करता है। इसलिए, यह माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर पवित्र स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी माघ मास सहायक होता है। माना जाता है कि यह महीना बदलते मौसम के साथ तालमेल बिठाने में मदद करता है। फलस्वरूप माघी पूर्णिमा को स्नान करने से शरीर को बल और शक्ति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा माघ पूर्णिमा गंगा स्नान पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो वह दिन और भी शुभ हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के दिन राशि अनुसार उपाय करने से मनचाहे फल की प्राप्ती होती है। वहीं ग्रहों पड़ रहे अशुभ प्रभाव भी कम हो जाते हैं।
माघ पूर्णिमा पर राशि के अनुसार उपाय :-
मेष – मेष राशि के लोग माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले पानी में लाल फूल डालकर स्नान करें. फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करके लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल मसूर, का दान करें. ऐसा कहा जाता हैं कि ऐसा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।
वृषभ – वृषभ राशि के जातक माघी पूर्णिमा पर पानी में तिल डालकर स्नान करें और इस दिन खीर का दान करें. रात के समय सफेद फूलों से चंद्रमा की पूजा जरूर करें. इससे बिगड़े काम बनते हैं।
मिथुन – मिथुन राशि के लोगों को माघ पूर्णिमा के दिन पानी में थोड़ा गन्ने का रस मिलाकर स्नान करना चाहिए और आधी रात में मां लक्ष्मी की कमलगट्टे से पूजा करें। इस दिन हरे मूंग और हरे वस्त्र का दान करना शुभ रहेगा। ऐसा कहा जाता है कि इससे धन की कमी दूर होती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
कर्क – माघी पूर्णिमा पर कर्क राशि के लोग जल में पंचार्मित मिलाकर स्नान करें। भगवान सत्यनारायण की कथा करें और फिर ब्राह्मण को आटा और गुड़ दान स्वरूप दें। ऐसी मान्यता है कि ये उपाय कारोबर और नौकरी में तरक्की देता है।
सिंह – सिंह राशि के लोग माघ पूर्णिमा के दिन पानी में गंगाजल और केसर मिलाकर स्नान करें। फिर श्रीहरि विष्णु को केसर का तिलक करके खुध भी टीका लगाएं।
कन्या – माघ पूर्णिमा पर पानी में इलायची मिलाकर स्नान करना कन्या राशि के लोगों के लिए शुभ होने वाला है। रात में मां लक्ष्मी को सिंघाड़े और नारियल का भोग लगाएं। इससे कर्जे से मुक्ति मिलती है और धन का लाभ होता है।
तुला – माघ पूर्णिमा के दिन पानी में गुलाब की पंखुड़ियां डालकर स्नान करना फलदायी होगा। ऐसा माना जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और पति-पत्नी के बीच परेशानियां दूर होती हैं।
वृश्चिक – वृश्चिक राशि के लोग माघ पूर्णिमा पर पानी में लाल चंदन मिलाकर सूर्योदय से पहले स्नान करें। इसके बाद लक्ष्मी जी को लाल चूनरी अर्पिक करके लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से धन और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है।
धनु – माघ पूर्णिमा पर पानी में पीली सरसों मिलाकर स्नान करें। साथ ही सवा किलो चने की दाल और 7 पीले फूल दान करें. ऐसा करने से मनचाहे जीवनसाथी प्राप्ती होती है।
मकर – मकर राशि के लोग माघ पूर्णिमा पर पानी में काले तिल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद गरीबों को पूड़िया बांटें। इससे करने से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक संकट दूर होता है।
कुंभ – इनके लिए भी पानी में काले तिल मिलाकर स्नान करना शुभ रहेगा। इसके बाद विष्णु भगवान की तिल से पूजा करें और फिर काले तिल को काले कपड़े में बांधकर दान कर दें।
मीन – माघ पूर्णिमा पर पानी में हल्दी मिलाकर स्नान करें। फिर रात में 11 कौड़ियों को हल्दी से रंगकर मां लक्ष्मी की पूजा करें। इन कोड़ियों को पूजा के बाद तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से धन लाभ होता है।
मेष – मेष राशि के लोग माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले पानी में लाल फूल डालकर स्नान करें। फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करके लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल मसूर, का दान करें। ऐसा कहा जाता हैं कि ऐसा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।
वृषभ – वृषभ राशि के जातक माघी पूर्णिमा पर पानी में तिल डालकर स्नान करें और इस दिन खीर का दान करें। रात के समय सफेद फूलों से चंद्रमा की पूजा जरूर करें. इससे बिगड़े काम बनते हैं।
मिथुन – मिथुन राशि के लोगों को माघ पूर्णिमा के दिन पानी में थोड़ा गन्ने का रस मिलाकर स्नान करना चाहिए और आधी रात में मां लक्ष्मी की कमलगट्टे से पूजा करें। इस दिन हरे मूंग और हरे वस्त्र का दान करना शुभ रहेगा। ऐसा कहा जाता है कि इससे धन की कमी दूर होती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
कर्क – माघी पूर्णिमा पर कर्क राशि के लोग जल में पंचार्मित मिलाकर स्नान करें। भगवान सत्यनारायण की कथा करें और फिर ब्राह्मण को आटा और गुड़ दान स्वरूप दें। ऐसी मान्यता है कि ये उपाय कारोबर और नौकरी में तरक्की देता है।
सिंह – सिंह राशि के लोग माघ पूर्णिमा के दिन पानी में गंगाजल और केसर मिलाकर स्नान करें। फिर श्रीहरि विष्णु को केसर का तिलक करके खुध भी टीका लगाएं।
कन्या – माघ पूर्णिमा पर पानी में इलायची मिलाकर स्नान करना कन्या राशि के लोगों के लिए शुभ होने वाला है। रात में मां लक्ष्मी को सिंघाड़े और नारियल का भोग लगाएं। इससे कर्जे से मुक्ति मिलती है और धन का लाभ होता है।
तुला – माघ पूर्णिमा के दिन पानी में गुलाब की पंखुड़ियां डालकर स्नान करना फलदायी होगा। ऐसा माना जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और पति-पत्नी के बीच परेशानियां दूर होती हैं।
वृश्चिक – वृश्चिक राशि के लोग माघ पूर्णिमा पर पानी में लाल चंदन मिलाकर सूर्योदय से पहले स्नान करें. इसके बाद लक्ष्मी जी को लाल चूनरी अर्पिक करके लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से धन और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है।
धनु – माघ पूर्णिमा पर पानी में पीली सरसों मिलाकर स्नान करें। साथ ही सवा किलो चने की दाल और 7 पीले फूल दान करें। ऐसा करने से मनचाहे जीवनसाथी प्राप्ती होती है।
मकर – मकर राशि के लोग माघ पूर्णिमा पर पानी में काले तिल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद गरीबों को पूड़िया बांटें। इससे करने से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक संकट दूर होता है।
कुंभ – इनके लिए भी पानी में काले तिल मिलाकर स्नान करना शुभ रहेगा। इसके बाद विष्णु भगवान की तिल से पूजा करें और फिर काले तिल को काले कपड़े में बांधकर दान कर दें।
मीन – माघ पूर्णिमा पर पानी में हल्दी मिलाकर स्नान करें. फिर रात में 11 कौड़ियों को हल्दी से रंगकर मां लक्ष्मी की पूजा करें। इन कोड़ियों को पूजा के बाद तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से धन लाभ होता है।

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